UP Flood : यमुना-चंबल ने दिखाया रौद्र रूप, कई गांव डूबे, बाढ़ के तेवर देख सहमे लोग

खबर सार :-
UP Flood : उत्तर प्रदेश में मानसून पूरे शबाब पर है। लगातार बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में जलभराव और नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। आगरा, जालौन, औरैया समेत कई जिलों में नदियाँ उफान पर हैं और प्रशासन हाई अलर्ट पर है।

UP Flood : यमुना-चंबल ने दिखाया रौद्र रूप, कई गांव डूबे, बाढ़ के तेवर देख सहमे लोग
खबर विस्तार : -

UP Flood : लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद नदियां उफान पर हैं। वहीं कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 5 मीटर ऊपर पहुंच गया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण  इटावा, औरैया और जालौन जिलों में बाढ़ जैसे गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। इसके चलते तटवर्ती दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। घर और फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। इन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

UP Flood: औरैया में बिगड़े हालात, बाढ़ के तेवर देख दहशत में लोग

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, जलस्तर हर घंटे 9 से 10 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है, जिससे हजारों ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हुआ है। पांच नदियों के संगम पंचनद क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल है, लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। यमुना और चंबल नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण औरैया के अजीतमल तहसील के सिकरोड़ी, गौन्हानी कलां, मई, अस्ता, गूंज, ततारपुर कलां, बरेह, जुहीखा, असेवता, असेवा, कठौली, फरिहा समेत दर्जनों गांव पूरी तरह पानी से डूब गए हैं।

सबसे गंभीर स्थिति गौन्हानी कलां, गूंज, सिकरोड़ी, ततारपुर कलां, जुहीखा और फरिहा गांवों में बताई जा रही है, जहां प्राथमिक विद्यालय भी जलमग्न हो गए हैं। हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। संपर्क टूटा, प्रशासन ने नावें और एनडीआरएफ की टीम तैनात की। बाढ़ के कारण कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है। बरेह गांव में भेरेश्वर मंदिर की सीढ़ियों तक भी चंबल का पानी पहुंच गया है, जिससे खतरे की स्थिति और गंभीर हो गई है।

युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी

गौहानी कलां में प्रशासन ने तीन नावों की व्यवस्था की है ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्य में लगी हुई है। उपजिला मजिस्ट्रेट निखिल राजपूत ने बताया कि सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। बाढ़ चौकियों से निगरानी की जा रही है और राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 

 प्रशासन अलर्ट

प्रभावित लोगों के लिए जाजपुर के हनुमान गढ़ी विद्यालय और जुहीखा गांव में राहत शिविर लगाए गए हैं। शिविरों में गद्दे, चादरें, पेयजल, भोजन, प्रकाश और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से प्रवेश न करें, अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। पूरे क्षेत्र पर नज़र रखी जा रही है और स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है।

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