UP Cabinet meeting : दस प्रस्तावों पर मुहर, अग्निवीर सहित इन नौकरियों में मिलेगा आरक्षण

खबर सार :-
योगी कैबिनेट में पर्यटन विभाग की 'बेड एंड ब्रेकफास्ट और होमस्टे नीति-2025' को मंजूरी दे दी गई है। साथ ही अग्निवीरों के लिए नौकरियों में आरक्षण को भी मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 11 में से 10 प्रस्तावों पर मुहर लग गई है।

UP Cabinet meeting : दस प्रस्तावों पर मुहर, अग्निवीर सहित इन नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
खबर विस्तार : -

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में पुलिस कांस्टेबल, पीएसी, कांस्टेबल घुड़सवार और फायरमैन की सीधी भर्ती में भूतपूर्व अग्निवीरों को आरक्षण दिए जाने को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट (B&B) एवं Home Stay Policy-2025 (Home Stay Policy-2025) को भी मंजूरी दी गई। लोकभवन के सभागार में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखे गए थे, जिसमें 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। 

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल, पीएसी, कांस्टेबल घुड़सवार और फायरमैन की सीधी भर्ती में 20 प्रतिशत पद आरक्षित करते हुए भूतपूर्व अग्निवीरों (4 वर्ष की सेवा के बाद) को क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भूतपूर्व सैनिकों की भांति अग्निवीर के रूप में सेवा अवधि को कम करते हुए अधिकतम आयु सीमा में 03 वर्ष की छूट दी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना शुरू की गई है, जो देशभक्त और प्रेरित युवाओं को सशस्त्र बलों (भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना) में सेवा करने का अवसर देती है। इसके तहत अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में सेवा से बाहर आएगा। उत्तर प्रदेश के पूर्व अग्निवीरों को राज्य सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा।

6 कमरे और 12 बेड की होगी अनुमति

उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट (B&B) और Home Stay Policy-2025 को भी मंजूरी दे दी है। इस नई नीति का उद्देश्य राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर और सुलभ आवास सुविधाएं प्रदान करना है। पर्यटन विभाग के इस प्रस्ताव से प्रमुख धार्मिक या पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के ठहरने की समस्या का समाधान हो जाएगा। B&B और होमस्टे नीति-2025 के अनुसार कोई भी व्यक्ति धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर 1 से 6 कमरों की अपनी इकाई को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करा सकता है। इसके तहत अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे इकाइयों के लिए 500 रुपये से 750 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाएगा। 

वहीं, शहरी या सिल्वर श्रेणी के होमस्टे के लिए दो हजार रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जीवंत सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के कारण यह राज्य विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। पहले राज्य में ऐसी कोई नीति न होने के कारण होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था। 

अब राज्य सरकार की इस नई नीति के तहत वे स्थानीय निकायों से अनापत्ति लेकर सरल प्रक्रिया से पंजीकरण करा सकेंगे। पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा सुरेश खन्ना ने कहा कि इसके अलावा इस नीति में वित्तीय प्रोत्साहन और अनुदान की भी व्यवस्था की गई है, ताकि प्रदेशवासियों को अपने घरों का उपयोग पर्यटन हित में करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस नीति के लागू होने से न सिर्फ पर्यटकों को सस्ते और सुविधाजनक ठहरने का विकल्प मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह नीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन ढांचे को मजबूत करने में मददगार साबित होगी।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत होगा अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने और राशन कार्ड धारकों को सुचारू रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए मॉडल उचित दर की दुकानों और अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इन भवनों के निर्माण में तेजी लाने के लिए वित्तीय बचत से भी अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। अब मनरेगा के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि, पूर्वांचल विकास निधि, बुंदेलखंड विकास निधि या किसी अन्य राज्य या केंद्र सरकार की योजना, जिसमें इनका निर्माण अनुमन्य हो, से भी अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। जहां इन योजनाओं के माध्यम से धनराशि उपलब्ध नहीं होगी, वहां खाद्य एवं रसद विभाग बचत से धनराशि की व्यवस्था करेगा। इस प्रकार प्रति वर्ष प्रति जनपद 75-100 अन्नपूर्णा भवन बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा इन भवनों के रख-रखाव आदि के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है।

मेगा श्रेणी की 5 इकाइयों को प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति: 

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत मेगा श्रेणी के औद्योगिक उपक्रमों की 5 इकाइयों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने का निर्णय लिया। इसके तहत अनुमन्य वित्तीय प्रोत्साहन/सुविधाओं की प्रथम किश्त के रूप में एसएलएमजी बेवरेज प्रा.लि., बाराबंकी को 38,73,01,888 रुपए, सिल्वरटन पल्प एण्ड पेपर्स को 1,88,99,905 रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई।

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