UP Assembly Winter Session 2025 : उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान, समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दल कोडाइन कफ सिरप की तस्करी, चुनावी रोल के विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान और सदन में वंदे मातरम से संबंधित चर्चा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे कार्यवाही में संभावित बाधाओं की चिंता बढ़ गई है।
शनिवार और रविवार को छुट्टी के बाद, 22 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। उसी दिन वंदे मातरम पर पांच घंटे की चर्चा भी होगी। विधायी कार्य और चर्चाएं 23 और 24 दिसंबर को जारी रहेंगी। शीतकालीन सत्र को शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चलाने के लिए, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय और कार्य सलाहकार समिति की बैठक हुई। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने आश्वासन दिया कि वे सदन की कार्यवाही गरिमापूर्ण तरीके से और संसदीय मानदंडों के अनुसार करेंगे।
सत्र के दौरान, सरकार आठ अध्यादेशों को बिल के तौर पर पेश करेगी, जिन्हें पिछले सत्र के बाद जारी किया गया था। इनमें 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश' और 'उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश' जैसे प्रमुख अध्यादेश शामिल हैं। सरकार की प्राथमिकता इन विधेयकों को बिना किसी देरी के पारित कराना है, जबकि विपक्ष ने संकेत दिया है कि वे इन विधेयकों के कुछ प्रावधानों पर कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे।
इस सत्र के दौरान सबसे ज़्यादा हंगामा कोडीन-आधारित कफ सिरप की तस्करी और वोटर लिस्ट के स्पेशल समरी रिवीजन को लेकर होने की संभावना है। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) की आड़ में एक खास समुदाय के वोट हटाए जा रहे हैं। इस बीच, कोडीन सिरप के मुद्दे पर विपक्ष सरकार की प्रशासनिक नाकामियों को उजागर करने की तैयारी कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि वे इन संवेदनशील मुद्दों पर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पार्टी नेताओं से सदन को चर्चा और संवाद का मंच बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा, बशर्ते कार्यवाही सकारात्मक माहौल में हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
उन्होंने विधायकों से रचनात्मक बहसों में भाग लेने का आग्रह किया, क्योंकि चुने हुए प्रतिनिधि लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए संपर्क का पहला बिंदु होते हैं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार सदन में उठाए गए हर मुद्दे पर गंभीरता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने पार्टी नेताओं से अपने-अपने विधायकों को सदन में बोलने और चर्चाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने भी बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाएगा। सर्वदलीय बैठक में अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP), निषाद पार्टी, कांग्रेस, जनसत्ता लोकतांत्रिक दल और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सहित विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे।
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