कुड़वार में पांच दिवसीय गायत्री महायज्ञ का समापन, 15 जोड़ों का हुआ सामूहिक विवाह

खबर सार :-
अखिल विश्व गायत्री परिवार कुड़वार के तत्वावधान में गायत्री प्रज्ञा धाम एकेडमी स्कूल, कुड़वार बाजार में आयोजित पांच दिवसीय 24 कुंडीय राष्ट्र शौर्य समृद्धि गायत्री महायज्ञ, प्राण प्रतिष्ठा, योग कथा, संस्कार एवं सामूहिक विवाह समारोह रविवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। समापन दिवस पर आयोजित सामूहिक विवाह में 15 जोड़ों का वैदिक रीति के साथ विवाह संपन्न हुआ।

कुड़वार में पांच दिवसीय गायत्री महायज्ञ का समापन, 15 जोड़ों का हुआ सामूहिक विवाह
खबर विस्तार : -

सुल्तानपुरः अखिल विश्व गायत्री परिवार कुड़वार के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय 24 कुण्डीय राष्ट्र शौर्य समृद्धि गायत्री महायज्ञ, प्राण प्रतिष्ठा, योग कथा, संस्कार एवं सामूहिक विवाह समारोह का रविवार को भव्य समापन हुआ। यह कार्यक्रम 8 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक आयोजित किया गया, जो क्षेत्र में भक्ति और उल्लास का माहौल लेकर आया।

नवविवाहित जोड़ों को मिले उपहार

समापन दिवस पर, कार्यक्रम के विशेष आकर्षण सामूहिक विवाह समारोह में 15 जोड़ों ने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार जीवनभर साथ रहने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विशेष ध्यान दिया गया कि गरीब और असहाय परिवारों की बेटियों का विवाह पूरी धार्मिक विधि से संपन्न कराया जाए। इसके अलावा, विवाह के उपरांत दयाराम अग्रहरि ने नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का सामान उपहार स्वरूप प्रदान किया, जिसमें फर्नीचर, गहने, कपड़े, पंखा, बक्सा और बेड-बिस्तर शामिल थे। इस उपहार से उन जोड़ों को अपने नए जीवन की शुरुआत के लिए आवश्यक सामान मिला।

अतिथियों ने की पुष्प वर्षा

कार्यक्रम का संचालन दयाराम अग्रहरि और उनके छोटे भाई आशीष अग्रहरि ने किया, जो गायत्री परिवार के सक्रिय सदस्य हैं। इस कार्यक्रम में हरेंद्राचार्य महाराज, देव मूर्ति महाराज, और बल्दीराय ब्लॉक प्रमुख शिव कुमार सिंह सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद रहे। इन अतिथियों ने कन्याओं को मंडप तक पहुँचाया और पुष्पवर्षा कर उनके सुखी और मंगलमय जीवन की कामना की।

समारोह के दौरान दयाराम अग्रहरि की पुस्तक ‘प्रज्ञा ज्योति’ का विमोचन भी किया गया, जो इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा गया। पूरे पांच दिन तक आयोजित इस महायज्ञ और विवाह समारोह ने न केवल धार्मिक वातावरण को प्रगाढ़ किया, बल्कि सामूहिक प्रयास और सामाजिक उत्थान की मिसाल भी प्रस्तुत की। यह आयोजन क्षेत्र के लोगों के बीच भक्ति और उत्साह का प्रतीक बन गया।

अन्य प्रमुख खबरें