निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन करेंगे दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंता

खबर सार :-
पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 42 जनपदों के निजीकरण से आरक्षण समाप्त होने पर बीते 6 महीने से प्रदेश सरकार और यूपीपीसीएल द्वारा कोई ठोस जवाब न देने से खफा प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता आगामी जुलाई महीने में पूरे प्रदेश की सभी बिजली कम्पनियों में बाबा साहब की संवैधानिक व्यवस्था आरक्षण को बचाने के लिए निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन करेंगे दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंता
खबर विस्तार : -

लखनऊ : पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 42 जनपदों के निजीकरण से आरक्षण समाप्त होने पर बीते 6 महीने से प्रदेश सरकार और यूपीपीसीएल द्वारा कोई ठोस जवाब न देने से खफा प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता आगामी जुलाई महीने में पूरे प्रदेश की सभी बिजली कम्पनियों में बाबा साहब की संवैधानिक व्यवस्था आरक्षण को बचाने के लिए निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

बाबा साहब ने वर्ष 1934 में कहा था कि बिजली हमेशा सरकारी क्षेत्र में रहनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में आरक्षण को समाप्त करने के लिए 42 जनपदों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था निजी हाथों में सौंपी जा रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब इस मामले को लेकर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों, कई मंत्रियों व यूपी के ऊर्जा मंत्री के सामने बात रखी गई तो उन सभी ने मसौदा सामने आने पर बात करने को कहा।

42 जनपदों में निजीकरण व्यवस्था लागू होने से करीब 16,000 आरक्षण के पद समाप्त हो जाएंगे। इससे सबसे अधिक दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों का नुकसान होगा। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंद्रा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, संयुक्त सचिव आरके राव, एके प्रभाकर, राज कपूर, मीडिया प्रभारी, रमेश कुमार, विकासदीप, राकेश आर्य ने कहा कि सभी बिजली कम्पनियों में निजीकरण हटाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन का आयोजन जुलाई माह में किया जाएगा।

सभी बिजली कम्पनियों में सम्मेलन की तिथिवार घोषणा व स्थान का चयन बाद में किया जाएगा। पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि लगातार संगठन के पदाधिकारियों ने सरकार के सीनियर कैबिनेट मंत्रियों, ऊर्जा मंत्री से गुहार लगाई जा चुकी है कि निजीकरण से आरक्षण समाप्त हो जाएगा। बावजूद इसके कोई भी ठोस पहल नहीं की गई। इससे यह तय हो गया है कि प्रदेश के 42 जनपदों में बाबा साहब की संवैधानिक व्यवस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है। इसे दलित व पिछड़े वर्ग के कार्मिक किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे। 
 

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