स्टांप विभाग के उपनिबंधकों तथा कनिष्ठ सहायकों के तबादलों की जांच ठंडे बस्ते में

खबर सार :-
विभाग में 59 कार्यरत तथा 29 नव-प्रोन्नत उप-निबंधकों तथा 114 कनिष्ठ सहायकों के स्थानांतरण में अनियमितता मिलने की शिकायत पर तुरंत स्थगित करने तथा जांच के आदेश दिए हैं। विश्वास दिया गया था कि कौन-कौन दोषी है, इसमें किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।

स्टांप विभाग के उपनिबंधकों तथा कनिष्ठ सहायकों के तबादलों की जांच ठंडे बस्ते में
खबर विस्तार : -

लखनऊ, स्टांप विभाग के उपनिबंधकों तथा कनिष्ठ सहायकों के तबादलों की स्टांप पंजीयन मंत्री ने मुख्यमंत्री से गड़बड़ी की शिकायत की थी। यह मामला पिछले माह तेजी से उठा था और अग्रिम आदेशों तक तबादले स्थगित रखने के आदेश भी दिए गए थे। यह मामला इतना तूल पकड़ चुका था कि उच्चाधिकारियों से इसकी जांच के आदेश दिए गए, लेकिन मामला सीएम तक पहुंच गया।  प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों को बुलाकर स्पष्ट किया था कि हाल ही में विभाग में उप-निबंधकों तथा कनिष्ठ सहायकों के स्थानांतरण तथा नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायतें सही हैं। इसकी जानकारी मंत्रालय को है।

प्रदेश भर से इस संबंधि में तमाम शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इस मामले में जांच और कार्रवाई को लेकर अब जुलाई में सवाल उठाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह शिकायत पहुंची थी, लेकिन जो कार्रवाई की गई, उस संबंध में जानकारी नहीं दी जा रही है। आखिर इसमें कौन-कौन दोषी है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में तत्काल कार्यवाही की थी। जिनके स्थानांतरण किए गए थे, उनको स्थगित करने का आदेश दिया गया। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागीय लीपापोती चलने के कारण इसका खुलासा नहीं हो रहा है। विभागीय मंत्री ने कहा है कि प्रदेश के मुखिया ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का अनुपालन किया था। इसका परिणाम है कि विभाग में 59 कार्यरत तथा 29 नव-प्रोन्नत उप-निबंधकों तथा 114 कनिष्ठ सहायकों के स्थानांतरण में अनियमितता मिलने की शिकायत पर तुरंत स्थगित करने तथा जांच के आदेश दिए हैं। विश्वास दिया गया था कि कौन-कौन दोषी है, इसमें किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। 
 

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