श्रीगंगानगर: शिकारी ही हो गया शिकार अपने शिकार का

खबर सार : -
अर्बन होमगार्ड के एसआई रवि प्रकाश पर एक अखबार में बिना ठोस प्रमाण के लेख छाप दिया गया। आरोप वसूली व फर्जी हाजिरी जैसे थे, लेकिन वॉलंटियर्स ने इसे साजिश बताया और समर्थन में उतर आए। सर्कुलर के नियमों के मुताबिक एसआई रवि प्रकाश के काम में कोई कमी नहीं पाई गई

खबर विस्तार : -

श्रीगंगानगर: न मुद्दा था न कोई मुद्दई, जिसे पहाड़ बनाया गया वह असल मे राई का ढेर निकला। अख़बारबाजी हुई तो मामले ने तूल पकड़ लिया। बहरहाल शिकारी जो कोई भी था उसे यह अंदाजा कतई नही था कि वह खुद शिकार बन जायेगा अपने शिकार का। बिना किसी मुद्दई के अचानक पैदा इस मुद्दे पर ऐसे सवालिया निशान लटक गया जैसे बिना बाप के कोई जन्मा हो। मामला पुलिस सिस्टम की सहयोगी व्यवस्था अर्बन होमगार्ड से जुड़ा है जहां ड्यूटी होडर वॉलंटियर्स का प्रशिक्षण में मानव दिवस लगाना नियम विरुद्ध बताते हुए प्लाटून कमांडर रवि प्रकाश पर मानव दिवस लगाने की एवज में वसूली करने के आरोप भी लगाए गए है। 

मानव दिवस का मतलब है प्रशिक्षण के दौरान लगाई गई हाजरी जिसके 80 प्रतिशत पूर्ण होने पर ही वॉलंटियर्स प्रमाण पत्र के लिए पात्र माना जायेगा। आरोप लगना ओर उनकी जांच होना बेल्ट बन्द ड्यूटी में एक सामान्य बात होती अगर कोई शिकायत इस सम्बंध में डिपार्टमेंट को प्राप्त हुई होती। इस मामले ने तूल तो तब पकड़ा जब एक अखबार की मीडिया रिपोर्टिंग में रवि प्रकाश पर लगाये गए तमाम आरोप लड़खड़ाती जुबान में खुद की पैरवी तक नही कर पा रहे थे। वॉलंटियर्स ने विरोध करते हुए इस समाचार को तथ्यहीन बताया। अर्बन होमगार्ड के एसआई रवि प्रकाश के समर्थन में आये वॉलंटियर्स का कहना था कि इस समाचार के माध्यम से उन्हें बदनाम करने के लिए ही कोई साजिश की गई है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

जिले से प्रकाशित अखबार अनूपगढ़ ज्योति के सॉफ्ट फॉर्मेट में प्रकाशित एक समाचार में रवि प्रकाश पर अपनी जेब भरने से लेकर उच्च अधिकारियों को गुमराह करने के आरोप लगाए गए है, जिसके विरोध में सभी वॉलंटियर्स आज जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में बने गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र पर इकट्ठा हुए एवं समाचार पत्र अनूपगढ़ ज्योति पर भ्रामक व तथ्यहीन समाचार के माध्यम से रवि प्रकाश को बदनाम करने का आरोप लगाया है। वॉलंटियर्स का कहना था कि जो आरोप है वह न तो सत्यापित है और न ही उन आरोपो से जुड़े ऐसे किसी प्रमाण का उल्लेख किया गया जिसके आधार पर समाचार का संकलन व प्रकाशन किया गया।

प्रकाशित समाचार में संवाददाता यदुकुल कौशिक के अनुसार एसआई रवि प्रकाश द्वारा ड्यूटी नियोजित वॉलंटियर्स को अनुचित रूप से लाभान्वित किया जा रहा है, जिसमे एक ही जवान की एक ही समय दो जगह ड्यूटी लगाकर अपनी जेब भरी जा रही है। फर्जी ट्रेनिंग, फर्जी हाजरी, उच्च अधिकारियों को गुमराह करना सहित तमाम वे सब हथकंडे रवि प्रकाश द्वारा इस्तेमाल किये गए हैं जिससे उसकी जेब भरी जा सके। 

यह था अनूपगढ़ ज्योति में प्रकाशित समाचार का मूल सारांश जबकि इसके विपरीत जमीनी हकीकत जो बयां करती है इस समाचार में लगाये गए आरोप उसकी परछाई को भी छू कर गुजर गए होते तो गनीमत होती। इस बिना होमवर्क हवाई फायर की वास्तविकता जो है वह यह कि पुलिस व्यवस्था में लगने वाली ड्यूटी अपनी जगह है और होमगार्ड वॉलंटियर्स को दिए जाने वाला प्रशिक्षण अपनी जगह है। मुताबिक सर्कुलर वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण काल महज 2 घण्टे ही निर्धारित है जिसमें 80 प्रतिशत मानव दिवस का लगना अनिवार्य है प्रमाणपत्र के लिए। ट्रेनिंग शेड्यूल जो तय किया जाता है वह सर्कुलर की संख्या 4 के अनुसार पुलिस जाब्ते के साथ लगाई गई ड्यूटी को हरगिज प्रभावित नही करता। बात अगर कायदे की भी करे तो सर्कुलर का बिंदु 4 कहता है " स्वयंसेवको की ड्यूटी व प्रशिक्षण समय के मध्य अंतराल रखते हुए ड्यूटी हेतु नियोजित स्वयंसेवको को भी प्रशिक्षण में शामिल किए जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।" 

यह वही सर्कुलर है जिसके आधार पर प्रशिक्षण के सिलेबस से लेकर पूरा कार्यक्रम तय होता है। मतलब यह कि जो वॉलंटियर्स ड्यूटी पर है वह भी अपने तय शेड्यूल के मुताबिक प्रशिक्षण में मानव दिवस लगा सकता है लेकिन प्रमाण पत्र के लिए 80 प्रतिशत मानव दिवसों का होना भी एक अनिवार्य शर्त तय है। सर्कुलर की मानें तो एसआई रवि प्रकाश के विरुद्ध प्रकाशित जिस समाचार की हवा सर्कुलर के एक बिंदु पर निकल गयी हो तो उस शुभचिंतक के भीतर तक उथल पुथल भी कुछ कम नही मची होगी जिसने भी अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए मीडिया के कंधे पर अपनी बंदूक चलाने का खेल तो खेला लेकिन बंदूक में कारतूस डालना भूल गया। राजनीति में ऐसा खेल आम बात है लेकिन जब बेल्ट बन्द डिपार्टमेंट में शिकारी अपने शिकार का खुद जिम्मेदार है।

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