बोदरा डाँड टोला 65 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित, ग्रामीण जंगल के जानवरों संग पानी पीने को मजबूर

खबर सार :-
ग्राम पंचायत पंडरी के बोदरा डाँड टोला के ग्रामीण सुरक्षित पानी, सड़क और नल-जल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। एकमात्र कुआँ सूखने पर लोग जलाशय का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। न ऊपर टोले में हैंडपंप है, न सड़क पक्की। हर घर नल जल योजना की पाइपलाइन तीन साल से सूखी पड़ी है। लगभग 40 घर जल संकट झेल रहे हैं।

बोदरा डाँड टोला 65 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित, ग्रामीण जंगल के जानवरों संग पानी पीने को मजबूर
खबर विस्तार : -

सोनभद्रः ग्राम पंचायत पंडरी के बोदरा डाँड टोला में आज भी विकास सरकारी कागजों से बाहर नहीं निकल पाया है। आजादी के 65 वर्षों बाद भी यहां के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। हालत यह है कि लोग जलाशय और चूहाड़ खुदवाकर उसी पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं, जहाँ जंगल के जानवर, मवेशी और ग्रामीण एक ही घाट से पानी पीते हैं।

कुआं सूखने पर आती है भारी समस्या

ग्रामीणों ने इसे “रामराज्य की विडंबना” बताते हुए अपनी उपेक्षा पर गहरा आक्रोश जताया है। जयमंगल, सुरेंद्र, मंजू, सुरेश गौतम, अनिल, ओमप्रकाश, हरि, हंसलाल, देवीशरण सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि आज तक यहां न पक्की सड़क बनी और न ही ऊपर टोले में एक भी हैंडपंप, कुआँ या सरकारी जल स्रोत उपलब्ध कराया गया है। टोले के बीच का एकमात्र निजी कुआँ जनवरी तक सूख जाता है, जिसके बाद ग्रामीणों को पहाड़ी किनारे बने जलाशय पर निर्भर रहना पड़ता है। 

हर घर नल जल योजना अधर में लटकी

ग्रामीणों के अनुसार, हर घर नल जल योजना की पाइपलाइन सिर्फ आधे टोले तक बिछाई गई, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद उसमें पानी नहीं आया। तीन वर्ष पहले डीपीआरओ और खंड विकास अधिकारी ने सोलर फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने का स्थल भी चिन्हित किया था, लेकिन बाद में प्लांट 8 किलोमीटर दूर चपरा टोला में लगा दिया गया। पूर्वी और उत्तरी हिस्से के लगभग 40 घरों के ढाई सौ लोग अब भी गंभीर जल संकट से जूझ रहे है।

ग्रामीणों का कहना है कि टोले की चार किलोमीटर सड़क आज भी कच्ची है। यदि इसे पक्का बना दिया जाए, तो पानी, इलाज, शिक्षा, राशन और अन्य सुविधाओं तक पहुँच आसान हो जाएगी।
72 वर्षीय जयमंगल ने कहा, “हम विस्थापन का दर्द 65 साल से सह रहे हैं… आखिर हमारा अपराध क्या है कि हमें पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।

जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि—

हर घर नल जल योजना की पाइपलाइन सभी घरों तक पहुँचाई जाए।
नियमित जलापूर्ति तुरंत शुरू की जाए।
ऊपर टोले में हैंडपंप या सुरक्षित जल स्रोत उपलब्ध कराया जाए।
तथा कच्ची सड़क को पक्का बनाया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से उम्मीदों पर जिंदा हैं, लेकिन न नेता और न अधिकारी उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हैं।

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