बाजार बंद के दौरान पुलिस के व्यवहार पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग

खबर सार :-
सोनभद्र के ओबरा में सोन चेतना सामाजिक संगठन के नेतृत्व में प्रदूषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी समस्याओं के विरोध में स्वैच्छिक सांकेतिक बाजार बंदी की गई। आयोजन शांतिपूर्ण रहा। आयोजकों ने ओबरा थाना प्रभारी पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।

बाजार बंद के दौरान पुलिस के व्यवहार पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग
खबर विस्तार : -

सोनभद्र/ओबराः सोन चेतना सामाजिक संगठन के नेतृत्व में, शुक्रवार को ओबरा कस्बे में प्रदूषण, खराब स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा व्यवस्था में गिरावट और रोज़गार संकट जैसी विभिन्न बुनियादी समस्याओं के विरोध में एक सांकेतिक बाज़ार बंद का आयोजन किया गया।

पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप

यह बंद पूरी तरह से स्वैच्छिक था, जिसमें व्यापारियों और नागरिकों ने अपनी मर्ज़ी से हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व संगठन के प्रतिनिधि अभिषेक अग्रहरि ने किया। कार्यक्रम के दौरान ओबरा थाने के इंचार्ज भी मौके पर पहुंचे। मौजूद नागरिकों के अनुसार, उन्होंने बातचीत के दौरान आयोजकों और आम नागरिकों के साथ गाली-गलौज की और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी।

निष्पक्ष जांच की मांग

इस व्यवहार से परेशान होकर, कस्बे के व्यापारियों और आयोजकों ने सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक और वाराणसी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और संबंधित अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। अभिषेक अग्रहरि ने बताया कि कार्यक्रम की पूर्व सूचना ओबरा के सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट (SDM) को दी गई थी, और कार्यक्रम शांतिपूर्ण था। बाज़ार स्वेच्छा से बंद था, और कोई ट्रैफिक जाम या कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं हुई।

दर्ज किया गया मामला

ऐसी स्थिति में, पुलिस का धमकी देना और दुर्व्यवहार करना अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है। आयोजकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने सात नामजद व्यक्तियों और लगभग 50 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ अवैध रूप से मामला दर्ज किया है। इस पत्र पर अभिषेक अग्रहरि, राहुल गुप्ता, हैदर अली, राजेश केसरी, अरुण अग्रवाल, ऋषभ जायसवाल, कृष्ण जायसवाल, संजय कुमार, शिव शंकर वैश्य, ओम प्रकाश चौधरी, अंकित कुमार, शुभम शर्मा और अनीश कुमार सहित लगभग पांच दर्जन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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