ओबरा में शहादत दिवस पर ऐतिहासिक पहल, प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

खबर सार :-
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली संस्था द्वारा सिलाई मशीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संस्था  निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से संस्था महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा कर रही है और उन्हें रोजगार से जोड़ रही है।

ओबरा में शहादत दिवस पर ऐतिहासिक पहल, प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
खबर विस्तार : -

ओबरा/सोनभद्रः किसी एक व्यक्ति को एक रोटी दीजिए, उसका एक दिन का पेट भरेगा; किसी व्यक्ति को हुनर दीजिए, उसका जीवन भर पेट भरेगा—इसी विचारधारा को आत्मसात करते हुए राष्ट्रीय नव निर्माण सेना ट्रस्ट एवं युवा बहुजन सेवा समिति द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।

शहादत दिवस पर हुआ आयोजन

संस्था द्वारा क्रान्तिकारी पं. रामप्रसाद बिस्मिल, क्रान्तिकारी अशफाक उल्ला ख़ाँ, क्रान्तिकारी राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी एवं क्रान्तिकारी ठाकुर रोशन सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर 19 दिसम्बर 2025 को एक भव्य एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम चिल्ड्रेन पार्क, ओबरा (सोनभद्र) में आयोजित होगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत “सिलाई मशीन जीतो / कैंची जीतो प्रतियोगिता” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी अपेक्षित है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली महिलाओं को अपने साथ सुई, धागा, 1 मीटर कपड़ा एवं कैंची घर से लाना अनिवार्य होगा।

आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सम्मान

संस्था अब तक 4300 से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ख्याति प्राप्त कर चुकी है। विशेष रूप से यह पहल उन महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है, जिनके पति उन्हें छोड़ चुके हैं, शराब की लत से ग्रसित हैं, जो महिलाएं विधवा हैं अथवा आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं।

प्रतियोगिता के दौरान लकी ड्रा भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें चयनित क्रमांक आने पर प्रतिभागी महिला को संस्था द्वारा ₹1000 का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही, कार्यक्रम की पर्ची चाय की दुकान पर दिखाने पर निःशुल्क चाय की सुविधा भी दी जाएगी।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

संस्था के संस्थापक आनन्द पटेल दयालु ने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को केवल सहायता देना नहीं, बल्कि उन्हें हुनरमंद बनाकर आत्मसम्मान, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। यह कार्यक्रम न केवल शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगा, बल्कि समाज में महिलाओं की आर्थिक मजबूती और सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम भी सिद्ध होगा। 

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