खदान हादसाः जिलाधिकारी ने घायलों को शत-प्रतिशत सहायता का दिलाया भरोसा

खबर सार :-
बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में मेसर्स कृष्णा माइनिंग में हुए हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। वहीं जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि पीड़ितों को सरकार की तरफ से पूरी मदद की जाएगी

खदान हादसाः जिलाधिकारी ने घायलों को शत-प्रतिशत सहायता का दिलाया भरोसा
खबर विस्तार : -

सोनभद्रः सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र स्थित  मेसर्स कृष्णा माइनिंग खदान में हुए हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। दोनों टीमें भारी मशीनरी और आधुनिक उपकरणों की मदद से मलबा हटाने तथा प्रभावित श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रही हैं।

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्वयं मौके पर पहुंचे

घटना स्थल पर जिलाधिकारी बी.एन. सिंह, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी (वि/रा), उप जिलाधिकारी ओबरा तथा सीओ ओबरा स्वयं मौजूद रहकर संपूर्ण राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की लगातार मौजूदगी से राहत कार्यों में तेजी आई है और स्थिति पर पल-पल नजर रखी जा रही है।

पीड़ितों को मिलेगी पूरी सहायताः जिलाधिकारी

जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने मौके पर बताया कि हादसे में हताहत या घायल हुए सभी श्रमिकों को श्रम विभाग की ओर से संचालित सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ खड़ा है और आवश्यक मदद तत्काल उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः कटिबद्ध है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए तथा किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

भविष्य के लिए तैयार रहने के निर्देश

स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी लगातार सक्रिय हैं। एम्बुलेंस, मेडिकल स्टाफ और सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर तैनात हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। वहीं, खदान क्षेत्र में सुरक्षा के आवश्यक मानकों की समीक्षा भी की जा रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन का कहना है कि राहत कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित नहीं निकाल लिया जाता और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती।

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