हवाई हमले की मॉक ड्रिलः प्रशासन ने परखी तैयारियां, घायलों को बचाने में दिखाई ताकत

खबर सार : -
देश भर में युद्ध की आपातस्थिति से निपटने के मॉक ड्रिल किया जा रहा है। इसी क्रम में सीकर में भी जिला प्रशासन ने तैयारियों का जायजा लिया और लोगों को प्रशिक्षण दिया की ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।

खबर विस्तार : -

सीकरः भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच सीकर में जिला प्रशासन ने बुधवार को किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखा। रानी सती रोड स्थित बायोस्कोप मॉल पर हवाई हमले की काल्पनिक स्थिति मानकर बुधवार को मॉक ड्रिल की गई। इसमें स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, नागरिक सुरक्षा, दमकल व अन्य विभागों ने बेहतरीन समन्वय के साथ बचाव व राहत कार्य को अंजाम दिया। 

मॉक ड्रिल में क्या हुआ? 

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि शाम चार बजे मॉल पर हवाई हमले की सूचना मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। सबसे पहले यातायात को रोक दिया गया।  दमकल ने आग पर काबू पाया, वहीं नागरिक सुरक्षा दल ने मॉल से घायलों को निकाला, जिसमें एक बच्चा भी शामिल था, जिसे मॉल की तीसरी मंजिल से रेस्क्यू किया गया।

घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। काल्पनिक स्थिति में दो लोगों की मौत व आठ के गंभीर रूप से झुलसने की बात कही गई, जबकि 13 घायलों को सुरक्षित निकाल लिया गया और कुल 23 को बचा लिया गया। जिला कलक्टर मुकुल शर्मा व पुलिस अधीक्षक भवन भूषण यादव ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना तथा स्वास्थ्य विभाग को हरसंभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मॉक ड्रिल में एडीएम रतन कुमार, एडीएम सिटी भावना शर्मा, एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह जोधा, एसडीएम सीकर निखिल कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

प्रशासन की एकजुटता का प्रदर्शन

यह मॉक ड्रिल प्रशासन की तैयारियों व विभागों के बीच समन्वय का बेहतरीन उदाहरण रही। इस दौरान पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नागरिक सुरक्षा, स्काउट गाइड व नगर परिषद की टीमें भी सक्रिय रहीं।

ब्लैकआउट 

डीएम शर्मा ने कहा कि हवाई हमले की स्थिति में ब्लैकआउट बहुत जरूरी है। सायरन बजते ही लोगों को बिजली बंद कर सुरक्षित स्थान पर जाना होगा। वाहनों की लाइटें बंद कर उन्हें सड़क किनारे खड़ा करना होगा। उन्होंने सीकर की जनता से ब्लैकआउट अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।

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