खिरनीबाग में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, दिखा सांस्कृतिक माहौल

खबर सार :-
शाहजहांपुर में खिरनीबाग मैदान में दशहरा बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित रामलीला और मेले में हज़ारों श्रद्धालु, महिलाएँ और बच्चे शामिल हुए। रावण दहन मुख्य आकर्षण रहा, जिसे लोगों ने उत्साहपूर्वक देखा। बच्चों ने झूलों का आनंद लिया और खिलौने खरीदे।

खिरनीबाग में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, दिखा सांस्कृतिक माहौल
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुर : थाना सदर बाजार क्षेत्र के खिरनीबाग मैदान में दशहरा पर्व का आयोजन बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस पावन अवसर पर आयोजित रामलीला एवं मेला में श्रद्धालु, महिलाएँ और बच्चे भारी संख्या में उपस्थित रहे। लोग अपने पारंपरिक परिधान पहनकर इस धार्मिक उत्सव में भाग लेने निकले थे। 

सांस्कृतिक माहौल का दिखा जश्न

मुख्य आकर्षण का केंद्र रावण दहन था, जिसे देखने के लिए लोगों का उत्साह चरम पर था। बच्चों ने झूले झूलकर और खिलौने खरीदकर इस पर्व का आनंद लिया। पूरे क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल का जश्न देखने को मिला, जिससे क्षेत्र का वातावरण श्रद्धालुता और सामाजिक सौहार्द से भरा हुआ था।

कई गणमान्य रहे मौजूद

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सांसद अरुण कुमार सागर, भाजपा जिला अध्यक्ष के.सी. मिश्रा, पुलिस अधीक्षक शाहजहाँपुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अतिथियों ने श्रद्धालुओं को दशहरा पर्व की शुभकामनाएँ दीं और इसे बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बताया। इस दौरान प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से सम्पन्न हो सके। खिरनीबाग मैदान और आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया और भीड़ पर निगरानी रखी गई। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, पार्किंग और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गईं।

सामाजिक और धार्मिक परंपराओं का मेल 

इस भव्य आयोजन के दौरान सामाजिक और धार्मिक परंपराओं का मेल देखने को मिला। श्रद्धालु अपने-अपने रीति-रिवाजों के साथ भगवान राम की कथा का श्रवण कर और रावण दहन का आनंद लेकर इस पर्व का उत्साह मनाते रहे। यह समारोह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत का भी सुंदर उदाहरण था। संपूर्ण आयोजन ने यह दर्शाया कि कैसे परंपरा, श्रद्धा और सामाजिक एकता मिलकर इस तरह के पर्वों को यादगार बनाते हैं।

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