आठवें दिन भी जारी रहा भाकिमयू राष्ट्रवादी का धरना, सामने रखी ये मांगे

खबर सार :-
किसानों की समस्याओं को लेकर 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान मजदूर यूनियन राष्ट्रवादी द्वारा किये जा रहे धरने के आठवें दिन पुलिस क्षेत्राधिकारी पुवायां प्रवीण मलिक ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों से वार्ता की तथा बताया कि पुलिस संबंधी मामलों का निस्तारण 16 अक्टूबर को कर दिया जाएगा।

आठवें दिन भी जारी रहा भाकिमयू राष्ट्रवादी का धरना, सामने रखी ये मांगे
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुर (पुवायां) –भारतीय किसान मजदूर यूनियन राष्ट्रवादी द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चलाया जा रहा धरना आज आठवें दिन भी जारी रहा। धरने की अगुवाई यूनियन के जिला प्रभारी रमाकांत यादव कर रहे हैं। किसानों की 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी इस आंदोलन ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी किसानों की मांगों को लेकर अब किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में दिखाई दे रहे हैं।

आज धरना स्थल पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) पुवायां प्रवीण मलिक ने किसानों से वार्ता की और उन्हें आश्वासन दिया कि धरने से संबंधित मामलों का निपटारा आगामी 16 अक्टूबर 2025 को कर दिया जाएगा। उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की, लेकिन किसान अपने रुख पर अड़े रहे।

स्थगित नहीं होगा धरना 

धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के जिला प्रभारी रमाकांत यादव ने कहा कि जब तक किसानों की सभी 21 मांगों को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक धरना स्थगित नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि अब किसान अपने हक के लिए पीछे नहीं हटेंगे।

वहीं, पुवाया तहसील अध्यक्ष सियाराम शर्मा ने कहा कि किसान लगातार आठ दिन से खुले आसमान के नीचे बैठकर अपनी समस्याओं को उजागर कर रहे हैं, लेकिन तहसील प्रशासन की तरफ से अब तक कोई संतोषजनक पहल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस उदासीनता से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

आज धरने में मैकूलाल यादव, रामचंद्र वर्मा, मिश्रीलाल वर्मा, राम बहादुर वर्मा, गयादीन वर्मा समेत कई अन्य किसान उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर प्रशासन को चेताया कि यदि मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। कुल मिलाकर, यह धरना किसानों की जमीनी समस्याओं को लेकर उनकी एकजुटता और प्रशासन से जवाबदेही की मांग का प्रतीक बन गया है।

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