प्रधानमंत्री व महापुरुषों के अपमान के खिलाफ खड़े हुए समाजसेवी

खबर सार :-
गंदी जगहों पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए जाने से नाराज समाजसेवियों ने आवाज बुलंद की है। उनका कहना है कि ऐसे महापुरुषों की तस्वीरें किसी भी ऐसी जगह पर नहीं लगाई जानी चाहिए जहां लोग गंदगी फैलाते हों। ऐसा करने वाले लोगों पर निश्चित कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री व महापुरुषों के अपमान के खिलाफ खड़े हुए समाजसेवी
खबर विस्तार : -

शाहजहाँपुरः नबी सलमान एक पत्रकार और समाजसेवी हैं जो देश में पत्रकारों और समाजसेवी लोगों के मुद्दों को लगातार उठाते रहे हैं और समय-समय पर चिट्ठियों के ज़रिए ज़िला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को बताते रहे हैं।

नाले के पास चिपकाए गए थे पोस्टर

भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर गंदगी में एक नाले के पास चिपकाए गए हैं। शाहजहांपुर की सदर तहसील के मेन गेट के पास और अंटा चौराहे पर पानी की टंकी के पास पोस्टर चिपकाया गया है। प्रशासन ने यह नहीं देखा कि ये पोस्टर पान की पुड़िया की गंदगी से सने हुए हैं। जिसने भारत में सफ़ाई अभियान शुरू किया और जिसने राज्य के सफ़ाई अभियान को लीड किया, उसे गंदगी में बैठा दिया गया है। नाले के पास पोस्टर लगाने वाले लोग पान मसाला खाकर थूकने वालों के बारे में क्या सोच रहे हैं?

कार्रवाई की मांग

थूकने वाले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। पोस्टर कैमरे की निगरानी में लगाए जाने चाहिए। बरेली मोड़ पर गैर-कानूनी बसों की वजह से ट्रैफिक जाम लगता है। चौराहे से 50 मीटर दूर बसें और टेंपो पार्क किए जाएं। टेंपो और बसें एक्सीडेंट की मुख्य वजह हैं। मंदिर के पास से गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है। एक्सीडेंट रोकने के लिए सड़क के चारों तरफ ब्रेकर बनाए जाने चाहिए। गायें सड़क के बीच में बैठी रहती हैं, जिन्हें ट्रक कुचल देते हैं, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं। आवारा गायों की मौत रोकने के लिए गायों को गौशाला भेजने का इंतजाम किया जाना चाहिए और गौशाला में उनके खाने-पीने का इंतजाम किया जाना चाहिए। पहले भी ज्ञापन दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

नहीं हो रहा किसी भी गाइडलाइन का पालन

अगर दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो हमें मजबूरन और कदम उठाने पड़ेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। पेंटरों ने जगह-जगह दीवारों पर शहीदों की मूर्तियां बनाई हैं। लेकिन, इन मूर्तियों के सामने कई गाड़ियां खड़ी रहती हैं और लोग अक्सर उन पर थूककर पेशाब कर देते हैं। चाइनीज पतंगों पर बैन लगाया जाना चाहिए, कहीं भी पतंग उड़ाते पाए जाने वालों पर कार्रवाई के लिए पुलिस थानों को निर्देश दिए जाने चाहिए और दुकानदारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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