डॉ. नागेश को मिला अखिल भारतीय बाल साहित्य आलोचना पुरस्कार

खबर सार :-
हरियाणा के सिरसा में आयोजित अखिल भारतीय बाल साहित्य सम्मेलन में शाहजहाँपुर के सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ. नागेश पाण्डेय ‘संजय’ को सम्मानित किया गया। बाल साहित्य आलोचना के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष का सुरेन्द्र वर्मा अखिल भारतीय बाल साहित्य आलोचना पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया।

डॉ. नागेश को मिला अखिल भारतीय बाल साहित्य आलोचना पुरस्कार
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुर : जनपद के प्रसिद्ध बाल साहित्य लेखक डॉ. नागेश पांडेय संजय को हरियाणा के सिरसा में आयोजित अखिल भारतीय बाल साहित्य सम्मेलन में सम्मानित किया गया है। इस आयोजन में उनके बाल साहित्य आलोचना के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को सराहा गया, जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष उन्हें सुरेन्द्र वर्मा अखिल भारतीय बाल साहित्य आलोचना सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उनके साहित्यिक योगदान और बाल साहित्य के क्षेत्र में उनके समर्पण का प्रतीक है। 

प्रदान की गई  3100 रुपये की राशि

सम्मान के दौरान नागेश को सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र और 3100 रुपये की राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक राजकुमार निजात, समाजसेवी शांति स्वरूप, चांद वर्मा और ललित जैन ने उनके प्रति हार्दिक शुभकामनाएँ व्यक्त की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। आयोजन में अनेक राज्यों के बाल साहित्यकार उपस्थित थे, जिन्होंने इस समारोह को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं 50 पुस्तकें

डॉ. नागेश पांडेय संजय पिछले चालीस वर्षों से बाल साहित्य का सृजन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से बाल साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें बाल साहित्य के विविध आयामों को छुआ गया है। उन्होंने बाल साहित्य आलोचना के क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है। उनके प्रमुख ग्रंथों में 'बाल साहित्य के प्रतिमान', 'बाल साहित्य सृजन और समीक्षा', और 'बाल साहित्य का शंखनाद' जैसे कृतियाँ शामिल हैं। इन ग्रंथों में उन्होंने बाल साहित्य के विकास, उसकी समीक्षा और नए प्रतिमानों का परिचय दिया है।

साहित्य प्रेमियों ने दी बधाई

उनके इस सम्मान को लेकर जनपद के अनेक विद्वानों एवं साहित्य प्रेमियों ने बधाई दी है। यह पुरस्कार उनके अथक प्रयासों और बाल साहित्य के प्रति उनके समर्पण का सम्मान है। नागेश का यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का फल है, बल्कि बाल साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान का भी प्रतीक है। उनके इस सम्मान से बाल साहित्य के क्षेत्र में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार हुआ है, जो आने वाले समय में और भी उत्कृष्ट रचनाओं के जन्म का संकेत है।

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