राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज झांसी में गंभीर वित्तीय संकट, मरीजों को नहीं मिल रहीं जरूरी दवाएं

खबर सार :-
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज दवाइयों की कमी से जूझ रहा है। दवाइयों की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज झांसी में गंभीर वित्तीय संकट, मरीजों को नहीं मिल रहीं जरूरी दवाएं
खबर विस्तार : -

झांसीः झांसी स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज बजट न मिलने के कारण गंभीर आर्थिक संकट और दवाओं की कमी से जूझ रहा है। यहां आने वाले मरीजों को चक्की में पीसकर कच्ची दवाएं दी जाती हैं। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में चक्की में पिसी कच्ची दवाओं के लिए पैसे नहीं बचेंगे। वर्तमान में कॉलेज में हरीतकी आंवला, त्रिफला, अश्वगंधा, विभीतिकी आदि कच्ची दवाओं के रूप में उपलब्ध हैं। 

इस आयुर्वेदिक कॉलेज में ओपीडी में मरीजों की संख्या प्रतिदिन करीब 150 से 200 रहती है। सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक इन सभी को सभी तरह की दवाएं दी जानी चाहिए, लेकिन फरवरी माह से दवाओं की गंभीर कमी चल रही है। कॉलेज प्रशासन उम्मीद कर रहा था कि नया बजट मिलेगा। इस कॉलेज में करीब 72 तरह की आयुर्वेदिक दवाएं हैं। कॉलेज में भर्ती मरीजों को भोजन देने की भी व्यवस्था है, लेकिन अप्रैल से बजट न होने के कारण दिया जाने वाला आहार पूरी तरह से बंद है अव्यवस्था और लापरवाही का आलम यह है कि 2 साल पहले करीब 2 लाख रुपए में बाल रोग विभाग के लिए खरीदा गया रेडिएटर हीट वार्मर स्टोर में धूल फांक रहा है और ज्यादातर स्टाफ को इसकी जानकारी ही नहीं है, इसे इस्तेमाल करके ट्रायल भी नहीं किया गया है। 

इस कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके राठौर के मुताबिक बजट के अभाव में मरीजों का खाना बंद कर दिया गया है और दवाएं भी नहीं बंट पा रही हैं। जैसे ही बजट मिलेगा, सारी व्यवस्थाएं पहले की तरह सुचारू रूप से चलने लगेंगी। रेडिएटर हीट वार्मर के बारे में उनका कहना है कि इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, अगर यह उपलब्ध होगा तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

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