जिला बचाओ आंदोलन 116वें दिन भी जारी, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

खबर सार : -
शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन लगातार 116 दिन से जारी है। शाहपुरा में रहने वाले लोगों की मांग है कि शाहपुरा को भीलवाड़ा जिले से अलग किया जाए और शाहपुरा को फिर से स्वतंत्र जिला घोषित किया जाए।

खबर विस्तार : -

भीलवाड़ा: शाहपुरा जिले को समाप्त करने के निर्णय के विरोध में चल रहा शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन आज 116वें दिन भी जारी रहा। शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में वाल्मीकि समाज शाहपुरा शहर के सदस्यों ने भाग लिया तथा उपखंड कार्यालय शाहपुरा के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल स्थल पर प्रदर्शन कर अपनी एकता का परिचय दिया। वाल्मीकि समाज के सदस्य नारेबाजी करते हुए धरना स्थल पर पहुंचे तथा शाहपुरा को पुनः जिला घोषित करने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम संघर्ष समिति को ज्ञापन सौंपा।

आंदोलनकारियों का किया स्वागत

आज की भूख हड़ताल में प्रमुख सदस्य घनश्याम घुसर, गेवरचंद घुसर, सुरेशचंद्र घुसर सहित वाल्मीकि समाज शाहपुरा शहर के कई सदस्य शामिल हुए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर सभी आंदोलनकारियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

धरना स्थल पर माहौल शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ दिखाई दिया। अपने संबोधन में वाल्मीकि समाज के लोगों ने कहा कि शाहपुरा के लोगों का यह संघर्ष उनके अस्तित्व और सम्मान की रक्षा के लिए है, जिसमें हर समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। धरने को संबोधित करते हुए घनश्याम घुसर, गेवरचंद घुसर, सुरेशचंद्र घुसर, किसान केसरी संघ के जिला अध्यक्ष सूर्यप्रकाश ओझा, जिला बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुर्गालाल राजोरा, संयोजक रामप्रसाद जाट, महासचिव कमलेश मुंडेतिया ने कहा कि शाहपुरा जिले को समाप्त करना जनता के साथ अन्याय है। 

वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र ही जनभावनाओं का सम्मान करते हुए शाहपुरा को पुनः जिला घोषित नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। आज के विरोध प्रदर्शन में संघर्ष समिति के सदस्य राजेंद्र बोहरा, उदयलाल बेरवा, सत्यनारायण पाठक, हाजी उस्मान मोहम्मद छीपा, धनराज जीनगर, शहाबुद्दीन पठान, दुर्गालाल जोशी, प्रवीण पारीक, पप्पू भारद्वाज, रमजान मोहम्मद, अविनाश नजीर मोहम्मद, एडवोकेट वेद प्रकाश धाकड़ सहित बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।

प्रदर्शन के दौरान सभी ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि शाहपुरा की ऐतिहासिक विरासत और जनभावनाओं का सम्मान करते हुए शाहपुरा को तुरंत पुनः जिला घोषित किया जाए।

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