Sandeep Bawaria Arrested : जयपुर। सीआईडी क्राइम ब्रांच पुलिस मुख्यालय की टीम ने अंतर्राज्यीय अपराधों में लिप्त एक बड़े गिरोह को करारा झटका दिया। चैन स्नेचिंग, लूटपाट, अवैध हथियार रखने, हत्या के प्रयास और चोरी व नकबजनी जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देने वाला बावरिया गैंग के एक सक्रिय सदस्य संदीप बावरिया पुलिस के हत्थे चढ़ा। संदीप बावरिया इतना शातिर अपराधी है कि पिछले आठ सालों से पुलिस के आंख मिचौली का खेल खेल रहा है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 का इनाम घोषित था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन के दिए गए निर्देशों के तहत स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम ने गैंगस्टरों और संगठित गिरोहों के खिलाफ एक विशेष अभियान छेड़ रखा है। इसी अभियान के तहत टीम को संदीप बावरिया जैसे शातिर अपराधी को पकड़ने में सफलता मिली। 30 वर्षीय शातिर इनामी बदमाश संदीप बावरिया शामली जिले का रहने वाला है। संदीप बावरिया का नाम उत्तर प्रदेश उदयपुर में वर्ष 2017 में हुई दो चैन स्नेचिंग की वारदातों में मुख्य अभियुक्त था। इन दोनों घटनाओं में बाइक सवार बदमाशों ने महिलाओं को बातों में उलझाकर दिनदहाड़े उनकी चेन लूट ले गए थे।
संदीप बावरिया सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों जैसे दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी अपने संगठित गिरोह के साथ मिलकर कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसके आपराधिक रिकॉर्ड में अवैध हथियार रखने, चैन स्नेचिंग, लूट, हत्या के प्रयास और चोरी जैसी जघन्य वारदातें दर्ज हैं। जानकारों की माने तो बावरिया गैंग लूअ की घटनाओं को अंजाम देने के लिए पावर बाइकों का इस्तेमाल करता है और शारीरिक रूप से कमजोर खासकर महिलाओं को अपना शिकार बनाता है। अक्स महिलाओं के गले से चेन तोड़ना इनके अपराध में शामिल है। यह अपराधी गत काफी समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे थे। ये शातिर अपराधी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे जिससे इनको ट्रेस न किया जा सके। इसी वजह से इन अपराधियों की गिरफ्तारी एक चुनौती बन गई थी।
इस अपराधी को सलाखों के पीछे जैसे जटिल अभियान को उपमहानिरीक्षक पुलिस (अपराध) योगेश यादव के सुपरविजन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के समन्वय में एएसआई दुष्यंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया था। इस अभियान को पूरी तरह गुप्त रखा गया। टीम ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए कुख्यात गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाई। जिसके आधार पर टीम को संदीप बावरिया को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। संदीप बावरिया को उसके पैतृक गांव अलाउदीनपुर से दस्तयाब किया गया और उसे अम्बामाता थाना पुलिस को सौंप दिया गया।
एडीजी श्री एमएन ने बताया कि संदीप बावरिया से गहन पूछताछ के बाद राजस्थान और अन्य राज्यों में हुई कई अनसुलझी चैन स्नेचिंग और लूट की घटनाओं का अनावरण किया जा सकता है। यह गिरफ्तारी बावरिया गैंग के नेटवर्क को तोड़ने और संगठित अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस संपूर्ण कार्रवाई में सीआईडी क्राइम ब्रांच के एएसआई दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली, कांस्टेबल महेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह व संजय की विशेष भूमिका रही। कार्रवाई के समय उत्तरप्रदेश पुलिस का सहयोग मिला जिसमें पुलिस चौकी अहमदगढ़ थाना झिंझाना से एसआई जितेन्द्र त्यागी, हैड कांस्टेबल योगेन्द्र सिंह व विकास कुमार व कांस्टेबल गुलफाम शामिल थे।
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