बिहार की जनता एनडीए सरकार उखाड़ फेंकने को तैयार: तेजस्वी यादव

खबर सार :-
बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीति के उच्चतम स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप और विकास-मुद्दों का टकराव दिखाई दे रहा है। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर बदलाव की अपील की है। जनता तय करेगी कि रिश्वतखोरी और बाहरी दबदबे के खिलाफ किस दिशा में जाना है; इस बार बिहार बदलने का अवसर है और मतदाता उसके निर्णय से प्रदेश का भविष्य निर्धारित करेंगे।

बिहार की जनता एनडीए सरकार उखाड़ फेंकने को तैयार: तेजस्वी यादव
खबर विस्तार : -

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र 6 और 11 नवंबर को वोटिंग शेड्यूल घोषित होने के बाद राजनीतिक गतिविधियाँ चरम पर पहुँच गई हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार की जनता इस बार एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। तेजस्वी ने केंद्र की नीतियों और सत्ता पक्ष की रैलियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कितनी भी रैलियाँ कर लें, जनता अपना फैसला बदलने को तैयार नहीं है।

चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान चुनावी लाभ के लिए 10 लाख महिलाओं को पैसों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि ऐसी क्या आपात स्थिति थी कि यह राशि अभी चुनावी समय में दी जा रही है और क्यों 20 सालों में इसे नहीं दिया गया। तेजस्वी ने इसे सीधे तौर पर रिश्वत बताते हुए कहा कि यह व्यवहार चुनाव प्रक्रिया की नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है और पूरा देश यह सब देख रहा है।

तेजस्वी ने किया पलटवार

गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी तेजस्वी ने पलटवार किया जिसमें शाह ने कहा था कि बिहार में औद्योगिक निवेश की संभावना सीमित है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार का बेटा ही बिहार चला सकता है और बाहर से आकर प्रदेश पर कब्जा जमाने की मंशा स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि राजद केवल बिहार से वोट माँग रहा है और विकास के लिए स्थानीय प्रतिभाओं और संसाधनों का उपयोग करेगा।

मतदाता अपने विवेक से करें मतदान

तेजस्वी ने जनता से अपील की कि वे इस बार अवसर का सही उपयोग करें और आने वाली सरकार को बदलकर बिहार को आगे ले जाएँ। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एनडीए को फिर मौका मिला तो प्रदेश पिछड़ेपन की ओर लौट सकता है। उनके अनुसार यह चुनाव बिहार के भविष्य का फैसला करेगा और सभी मतदाता अपने विवेक से मतदान कर इस बार बदलाव सुनिश्चित करें। चुनावी माहौल में सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कड़े इंतजाम किए जा चुके हैं और प्रधानमंत्री की छपरा रैली भी इसी हिंट में है। राजनीतिक दलों की रैलियाँ और प्रत्याशियों की गतिविधियाँ अगले कुछ दिनों में और तीव्र होंगी, जिससे चुनावी माहौल गरम रहेगा।

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