RTE में बड़ा स्कैम: सरकारी योजनाओं में हो रही बड़ी धोखाधड़ी

खबर सार :-
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार (RTE) स्कीम को लेकर एक बड़ा फ्रॉड और सिस्टम की गड़बड़ सामने आई है। राज्य के कई प्राइवेट स्कूलों पर आरोप है कि वे जानबूझकर RTE पोर्टल पर अपनी सीटें कम दिखा रहे हैं, जिससे गरीब बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

RTE में बड़ा स्कैम: सरकारी योजनाओं में हो रही बड़ी धोखाधड़ी
खबर विस्तार : -

सोनभद्र:सोनभद्र के ओबरा निवासी राकेश केशरी ने इस ऑर्गनाइज़्ड गड़बड़ी का पर्दाफाश किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपों से भरी एक डिटेल भेजी है, जिसमें स्कूलों पर डेटा में हेरफेर करने और सरकारी स्कीम में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर सीटें ज़्यादा, लेकिन कम दिखाने का खेल खुलेआम खेल रहे हैं। शिकायत में सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है कि प्राइवेट स्कूल अपनी असली कैपेसिटी छिपा रहे हैं और RTE पोर्टल पर फर्जी और मनमाने तरीके से सीटें कम दिखा रहे हैं।

पोर्टल पर की जा रही मनमानी

योग्य गरीब बच्चों को जबरन बाहर किया जा रहा है ताकि स्कूलों को गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा न देनी पड़े। यह पूरा खेल मैनेजमेंट का प्रॉफिट बढ़ाने और सरकारी पैसा बचाने के लिए खेला जा रहा है। कई स्कूलों में सीटें खाली हैं, लेकिन पोर्टल पर सीटें नहीं दिखाई जा रही हैं। यह आरोप शिक्षा विभाग समेत पूरे RTE सिस्टम की क्रेडिबिलिटी पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह सिर्फ़ गड़बड़ी नहीं है, यह गरीब बच्चों के हक की लूट है। शिकायत करने वाले राकेश केशरी के मुताबिक, यह जान-बूझकर शिक्षा के अधिकार की लूट है। प्राइवेट स्कूल सिस्टम को धोखा देकर डेटा में हेरफेर कर रहे हैं। यह गरीब और कमज़ोर तबके के बच्चों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। सरकारी स्कीम को स्कूल खुलेआम ठग रहे हैं। 

शिकायत में ये सख्त मांगें उठाई गई

अगर कार्रवाई नहीं हुई तो RTE बेकार हो जाएगा। शिकायत करने वाले ने मुख्यमंत्री से ये सख्त कार्रवाई करने की मांग की है: RTE पोर्टल पर लिस्टेड सीटों का फिजिकल वेरिफिकेशन, हर स्कूल में जाकर फैक्ट-चेकिंग, उपलब्ध सीटों की संख्या और दिखाए गए कमरों की संख्या का ओपन ऑडिट, सभी प्राइवेट स्कूलों की क्लास के हिसाब से सीट कैपेसिटी का ऑडिट, क्लास, सीटों और कमरों की संख्या का डिटेल्ड ऑडिट, पिछले सालों की RTE एडमिशन लिस्ट का रिव्यू, और किस साल कितने बच्चों का एडमिशन हुआ? किसे रोका गया? किसने गलत डेटा डाला? गलत जानकारी देने वाले स्कूलों को सख्त सज़ा, जिसमें मान्यता कैंसिल करना, भारी फाइनेंशियल पेनल्टी, पोर्टल ब्लॉक करना, मैनेजमेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शामिल है। RTE के तहत योग्य बच्चों को तुरंत एडमिशन मिलना चाहिए। सीट चोरी की वजह से जो बच्चे वंचित रह गए हैं, उन्हें तुरंत उनका हक मिलना चाहिए। 

एक्सपर्ट्स बोले एक्शन जरूरी

अगर सरकार ने सख्त एक्शन नहीं लिया तो RTE सिर्फ कागजी कानून बनकर रह जाएगा। एक्सपर्ट्स का भी मानना ​​है कि अगर अभी स्कूलों के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लिया गया तो गरीब बच्चों के भविष्य का रास्ता बंद हो जाएगा। RTE की मूल भावना खत्म हो जाएगी। प्राइवेट स्कूल मनमानी की हदें पार कर देंगे। सरकारी पोर्टल की क्रेडिबिलिटी खत्म हो जाएगी। मुख्यमंत्री जी, दखल दें वरना यह स्कैम एजुकेशन सिस्टम को खत्म कर देगा। राकेश केशरी इतने सारे विस्फोटक आरोपों के बाद अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री ऑफिस और एजुकेशन डिपार्टमेंट के जवाब पर हैं।

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