रानी लक्ष्मी बाई की जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर हुए भव्य कार्यक्रम एवं निकली शोभायात्रा

खबर सार :-
झांसी में रानी लक्ष्मीबाई जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गई। शोभायात्रा, छायाचित्र प्रदर्शनी और दीपांजलि कार्यक्रमों के साथ शहर देशभक्ति से भर उठा। आज विरांगना वाहन रैली का शुभारंभ मंत्री बेबी रानी मौर्य करेंगी। विश्व धरोहर दिवस पर झांसी किले सहित सभी एएसआई स्मारकों में प्रवेश निःशुल्क रखा गया।

रानी लक्ष्मी बाई की जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर हुए भव्य कार्यक्रम एवं निकली शोभायात्रा
खबर विस्तार : -

झांसी : रानी लक्ष्मीबाई की जन्म जयंती पर मंगलवार को झांसी शहर पूरी तरह उत्सवमय हो उठा। नगर की सरकारी, शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं ने वीरांगना की स्मृति में विविध कार्यक्रम आयोजित कर माहौल को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया। विशेष बात यह रही कि इस वर्ष रानी लक्ष्मीबाई के वंशज भी झांसी पहुंचे, जिनका पूरे शहर में गर्मजोशी से स्वागत हुआ। शाम को लक्ष्मी व्यायामशाला मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, आज़ाद भगत सिंह और महाराणा प्रताप के जीवंत रूपों ने आकर्षण बढ़ाया। कॉलेज बैंड की धुनों के बीच यात्रा का शुभारंभ एसपी सिटी प्रीति सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने किया। शहरभर में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्पवर्षा और अभिनंदन कर शोभायात्रा का स्वागत किया।

विश्व धरोहर दिवस और जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर राजकीय संग्रहालय में ‘हमारी विरासत : संस्कृति के संवाहक’ विषय पर छायाचित्र प्रदर्शनी आयोजित की गई। उपनिदेशक डॉ. मनोज गौतम ने कहा कि किसी भी देश की धरोहर उसके अतीत की गवाही होती है, और भारत की सांस्कृतिक विरासत विश्व में सबसे समृद्ध मानी जाती है। इतिहासविद आलोक शर्मा ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई के शासनकाल में कानून व्यवस्था इस हद तक मजबूत थी कि लोग घर के दरवाजे तक नहीं बंद करते थे। उन्होंने अल्प समय में ही प्रशासनिक सुधारों से झांसी को स्थिर और सुरक्षित बनाया।

जयंती की पूर्व संध्या पर शहर की विभिन्न संस्थाओं ने दीप प्रज्वलन कर रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और बलिदान को नमन किया। आज दोपहर प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य वीरांगना वाहन रैली को हरी झंडी दिखाएंगी। इसके बाद वे कोर कमेटी की बैठक, जिला प्रशासन की समन्वय समिति और शाम को वीरांगना लक्ष्मीबाई पार्क में आयोजित मुख्य समारोह में शामिल होंगी। विश्व धरोहर दिवस पर झांसी किले सहित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सभी स्मारकों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा। एएसआई अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ. प्रवीण सिंह ने बताया कि यह निर्णय अधिकाधिक लोगों को विरासत से जोड़ने की पहल के रूप में लिया गया है।

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