Ram Vilas Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार रामविलास वेदांती का निधन, संत से सियासत तक का ऐसा रहा सफर

खबर सार :-
Ram Vilas Vedanti Passes Away: अयोध्या के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास दास वेदांती का निधन हो गया है। 75 साल के वेदांती ने मध्य प्रदेश में आखिरी सांस ली। उनके उत्तराधिकारी उनके पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश से अयोध्या ला रहे हैं।

Ram Vilas Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार रामविलास वेदांती का निधन, संत से सियासत तक का ऐसा रहा सफर
खबर विस्तार : -

Ram Vilas Vedanti Passes Away: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती का निधन हो गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा में अंतिम सांस ली, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से अयोध्या और पूरा संत समाज गहरे शोक में डूब गया है। राजनीतिक जगत में भी गहरा दुख है। वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।

Ram Vilas Vedanti Passes Away: अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार

राम विलास वेदांती हाल ही में रीवा गए थे। अपनी यात्रा के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार दोपहर इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही उनके उत्तराधिकारी और सहयोगियों द्वारा अयोध्या ले जाया जाएगा। अयोध्या पहुंचने के बाद उनके शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। समारोह में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है।

Ram Vilas Vedanti Passes Away: सीएम योगी ने जताया दुःख

राम विलास वेदांती के निधन पर सीएम योगी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने  'एक्स' पर लिखा- श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. उनका जाना एक युग का अवसान है. धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है.

संत से सियासत तक का ऐसा रहा सफर

बता दें कि राम विलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर, 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। साधारण परिवार में जन्में वेदांती के विचार असाधारण थे। शुरुआती शिक्षा के बाद, उन्होंने संस्कृत, वेदांत और धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन किया। रामायण, महाभारत और पुराणों पर उनकी पकड़ ने उन्हें एक प्रभावशाली वक्ता के रूप में पहचान दिलाई। डॉ. राम विलास वेदांती का नाम उन लोगों में गिना जाता है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन को सिर्फ एक मुद्दा नहीं, बल्कि जीवन का मकसद बना दिया। 

उन्होंने युवावस्था में ही संत जीवन अपना लिया था। वे अयोध्या से जुड़ गए और राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। वे राम जन्मभूमि ट्रस्ट से जुड़े थे और देश भर में धार्मिक सभाओं में खुले तौर पर राम मंदिर की वकालत करते थे। उनके प्रवचनों में भगवान राम, हिंदू समाज की एकता और सांस्कृतिक चेतना का संदेश साफ तौर पर झलकता था। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान उन्होंने कई बार जेल भी गए।

Ram Vilas Vedanti: राजनीति में भी रहे सक्रिय 

वेदांती राजनीति में भी वे सक्रिय रहे। 1996 में मछली नगर और 1998 में अयोध्या (फैजाबाद) से लोकसभा पहुंचे। उनका राजनीतिक जीवन और धार्मिक नेतृत्व हमेशा समाज का मार्गदर्शन करता रहा। डॉ. वेदांती उन नेताओं में से थे जिन पर 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचे को गिराने के मामले में मुकदमा चलाया गया था, हालांकि सीबीआई विशेष अदालत ने आखिरकार सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

राम जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया

राम विलास वेदांती ने राम जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक सांसद के तौर पर उन्होंने संसद में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया और सड़कों पर भी आंदोलन का नेतृत्व किया। डॉ. वेदांती सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाई। उनका जीवन राम मंदिर आंदोलन और समाज सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने न केवल संसद में बल्कि समाज के हर वर्ग के बीच अपनी आवाज पहुंचाई। कई लोग उनकी लीडरशिप से प्रेरित हुए, और डॉ. वेदांती का नाम राम जन्मभूमि आंदोलन के संबंध में हमेशा याद रखा जाएगा। वेदांती का जाना निस्संदेह एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनका काम और योगदान हमेशा लोगों की यादों में रहेगा।
 

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