रामलीला बना अद्भुत नजारों का केंद्र, आस्था की भक्ति में डूब रहे भक्त

खबर सार :-
रामपुर का रामलीला महोत्सव आस्था, आध्यात्म और कला का अद्भुत उत्सव बना जहां राम-सुग्रीव मित्रता से लेकर शबरी प्रसंग तक दर्शकों को  भावविभोर किया। रामलीला के मंच पर जीवंत धर्मयुद्ध  हुआ । जय श्री राम के नारों से रामपुर गूंज उठा और श्रद्धालु मंत्रमुग्ध इसे देखते रहे।

रामलीला बना अद्भुत नजारों का केंद्र, आस्था की भक्ति में डूब रहे भक्त
खबर विस्तार : -

रामपुरः शनिवार की रात उत्सव पैलेस रामलीला मैदान भक्ति, कला और संस्कृति का संगम बन गया। ऐसा लग रहा था मानो पूरा अयोध्या धाम रामपुर की धरती पर उतर आया हो। श्री रामलीला महोत्सव के बारहवें दिन भक्ति और उत्साह का ऐसा माहौल छाया कि हर दर्शक देर रात तक रुकने को मजबूर हो गया।

तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा रामलीला मैदान

शाम होते ही रामलीला मैदान जगमगाती रोशनी, भजनों और जयकारों से जगमगा उठा। रात साढ़े आठ बजे वृंदावन से आए कलाकारों ने मंच संभाला और एक के बाद एक जीवंत प्रस्तुतियां दीं। खरदूषण वध की वीरता, सीता हरण की व्यथा, जटायु के उद्धार का त्याग, शबरी की अद्वितीय भक्ति और राम-सुग्रीव मित्रता की हृदयस्पर्शी कथा, इन सभी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। "जय श्री राम" के गगनभेदी नारों और तालियों की गड़गड़ाहट ने कलाकारों को बार-बार रुककर दर्शकों का स्नेहपूर्ण आशीर्वाद स्वीकार करने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम के दौरान, पुदीना व्यापारी अरविंद नंदा, समाजसेवी संजीव अग्रवाल और प्रॉपर्टी डीलर सुमित अग्रवाल को समिति द्वारा शॉल, पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल सहित शहर की कई गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति ने समारोह की भव्यता को और बढ़ा दिया।

आस्था का प्रतीक बना श्री रामलीला महोत्सव 

यह बारहवाँ दिन केवल रामायण का मंचन ही नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव था। इसने न केवल भक्ति और आस्था को और गहरा किया, बल्कि आने वाले दिनों के लिए उत्सुकता भी बढ़ा दी। वास्तव में, श्री रामलीला महोत्सव अब केवल एक धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रामपुर की सांस्कृतिक विरासत और सामूहिक आस्था का प्रतीक बन गया है। इसकी यादें हर दर्शक के दिलों में लंबे समय तक गूंजती रहेंगी।

इस अवसर पर अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल, महासचिव वीरेंद्र कुमार गर्ग, सह अध्यक्ष सुनील कुमार गोयल सोनी ताऊ, सुभाष चंद्र अग्रवाल ठेकेदार, ईश्वर सरन अग्रवाल, विनोद कुमार गुप्ता ठेकेदार, वेद प्रकाश वर्मा, अरविंद कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार अग्रवाल, निर्भय कुमार गर्ग, कमलेश कुमार अग्रवाल (एड.), डॉ. अजय कुमार अग्रवाल, अरुण कुमार अग्रवाल, राम प्रताप सराफ, अनिल कुमार चौरसिया, राजीव सरन गर्ग, विनीत कुमार अग्रवाल, शांति शरण राठौड़, हरिओम गुप्ता, मनोज कुमार अग्रवाल, श्रीराम अग्रवाल, रवींद्र कुमार मिश्रा, संजय अग्रवाल, डॉ. सुमित कुमार गोयल आदि मौजूद रहे।

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