खानकाह अहमदिया में 166 वां उर्स हुआ संपन्न

खबर सार :-
खानकाह अहमदीया कादरीया मुजद्दीदीया के 166वें उर्स मुबारक के दूसरे रोज़ एक शानदार ईनामी मुकाबला हिफ्ज़-ओ-किरात मुनक़्क़िद हुआ। सुबह 9 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक बड़ी कामयाबी के साथ यह मुकाबला जारी रहा।

खानकाह अहमदिया में 166 वां उर्स हुआ संपन्न
खबर विस्तार : -

रामपुरः  हिफ्ज़-ओ-किरात के पांचवें मुकाबले में 14 इदारों से 36 तलबा ने शरीक होकर फन-ए-हिफ्ज़-ओ-किरात का बेहतरीन मुज़ाहिरा किया। हकम हज़रात के फैसलों के मुताबिक शुर्का को खूबसूरत ट्राफी असनाद और नकद ईनामात से नवाज़ा गया। ईमतियाज़ी मुकामात हासिल करने वालों को उलमा-ओ-मशाइख के नामों से मंसूब एवार्ड से नवाज़ा गया। तीन ज़ुमरों पर मुश्तमिल यह ईनामी मुकाबला, जिसमें हिफ्ज़-ए-कुरआन करीम निस्फ़, हिफ्ज़-ए-कुरआन करीम मुकम्मल और किरात-बित-तरतील शामिल थे। 

हर ज़ुमरे में अव्वल सात आने वाले मुसाहिमीन को ट्राफी और दीगर ईनामात दिए गए। ज़ुमरा हिफ्ज़-ए-कुरआन मुकम्मल में सात एवार्ड में पहला एवार्ड:

1-हज़रत मौलाना शाह रियाज़ुद्दीन अहमद खां कादरी वजीही रहमतुल्लाह अलैह जो कि हाफ़िज़ अमीर हमज़ा वल्द ज़ाहिद अली मदरसा इरशादुल उलूम को दिया गया।
2-हज़रत मौलाना सरदार शाह खां कादरी वजीही रहमतुल्लाह अलैह एवार्ड जो कि हाफ़िज़ मुहम्मद सऊद वल्द नबी उल हसन मदरसा रेहानुल उलूम को दिया गया।
3-हाजी हाफ़िज़ ज़ाहिद अली खां कादरी नासिरी एवार्ड जो कि हाफ़िज़ कफ़ील वल्द फ़हीम मदरसा जामिया उलूम फुरकानिया को दिया गया।
4-मौलवी लतीफ़ अहमद खां चिश्ती साबिरी रहमतुल्लाह अलैह के नाम से मंसूब एवार्ड हाफ़िज़ अयानुल नबी वल्द रियाज़ुल नबी मदरसा इस्लामीया नूरुल उलूम को दिया गया।
5-जनाब आफ़ाक़ अहमद मरहूम-ओ-मग़फ़ूर के नाम से मंसूब एवार्ड हाफ़िज़ सुभान वल्द मिंटू मदरसा अनवारुल उलूम को दिया गया।
6-सय्यद ख़लील मियां के नाम से मंसूब एवार्ड मुहम्मद ज़ैद अंसारी वल्द मुहम्मद शाहवेज़ मदरसा रेहानुल कुरआन को दिया गया।
7-हाजी मौलवी अब्दुल हमीद खां कादरी वजीही के नाम से मंसूब एवार्ड हाफ़िज़ फ़ैज़ अख़्तर वल्द सय्यद गुलरेज़ अख़्तर मदरसा दारुल किरात जामा मस्जिद को दिया गया।

दूसरा ज़ुमरा किरात-बित-तरतील, इसमें अव्वल सात आने वाले मुसाहिमीन में:

1-कारी वज़ाहतुल्लाह खां कादरी वजीही एवार्ड जो कि कारी मुहम्मद समीर वल्द ज़हूर अहमद मदरसा इस्लामीया नूरुल उलूम को दिया गया।
2-हज़रत मौलाना कारी अख़्तर अली कादरी वजीही एवार्ड जो कि कारी अब्दुल करीम खां को दिया गया।
3-हाजी कारी मुहम्मद ताहिर कादरी वजीही अवार्ड कारी मुहम्मद अयान साबरी वल्द मुहम्मद फहीम साबरी मदरसा दरसुल इंसान को दिया गया।
4-हाजी सखावत हुसैन मरहूम-ओ-मग़फ़ूर कारी मुहम्मद अबजान वल्द फ़ाज़िल खां मदरसा दारुल क़रात जामा मस्जिद को दिया गया। 
5-जनाब अब्दुल समद खां मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड कारी मुहम्मद अली खां वल्द आक़िल खां मदरसा फ़ैज़ुल उलूम बिलासपुर को दिया गया। 
6-हाजी बब्बू अली मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड कारी समीर वल्द शफ़ीक़ अहमद मदरसा अकबरुल उलूम को दिया गया।
7-कारी नईमुद्दीन मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड कारी सय्यद मनसब अली वल्द असफ़हान अली मदरसा रेहानुल उलूम को दिया गया।

तीसरा ज़ुमरा हिफ़्ज़-ए-क़ुरआन करीम निस्फ़ इसमें भी अव्वल सात आने वाले शुरका में

1-मौलाना नुसरत उल्लाह खां कादरी वजीही  रहमतुल्लाह अवार्ड हाफ़िज़ मुहम्मद शाह नूर वल्द मुहम्मद नईम मदरसा इस्लामिया नूरुल उलूम को दिया गया।
 2-हज़रत मौलाना मज़ाहिर उल्लाह खां कादरी वजीही रहमतुल्लाह अलैह अवार्ड हाफ़िज़ अमजद हम्माद वल्द आमिर अली मदरसा जामेउल उलूम फ़ुरक़ानिया को दिया गया 
3-कारी हबीबुर्रहमान कादरी रियाज़ी रहमतुल्लाह अलैह अवार्ड हाफ़िज़ अब्दुल्लाह फ़ातिर वल्द नईम अहमद मदरसा इस्लामिया बादीयुल उलूम को दिया गया।
4-जनाब मुज़फ्फर खां कादरी वजीही मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड हाफ़िज़ मुहम्मद अक़दस वल्द मुहम्मद हारिस मदरसा तालीमुल क़ुरआन को दिया गया। 
5-हाजी इश्तेयाक़ अहमद मरहूम-ओ-मग़फ़ूर हाफ़िज़ मुहम्मद हुसैन वल्द अतीक़ हसन मदरसा रेहानुल क़ुरआन को दिया गया। 
6-हाजी ग़ुलाम किबरिया मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड हाफ़िज़ हुज़ैफ़ा अहमद वल्द मंज़ूर अहमद मदरसा फ़ैज़ुल उलूम को दिया गया।
7-हाजी अच्छन खां मरहूम-ओ-मग़फ़ूर अवार्ड हाफ़िज़ मुहम्मद रज़ी वल्द अज़ीम खां को दिया गया। इन मुसाहिमीन के अलावा बक़िया तमाम 27 शुरका को असनाद  और दीगर इनामात से नवाज़ा गया।

तक़सीम इनामात की तक़रीब से क़ब्ल बाद नमाज़ मग़रिब मौलवी मआरिफ़ उल्लाह खां ने अपने बयान में ख़ानक़ाह अहमदिया क़ादरिया के बुज़ुर्गों के अहवाल पर मुख्तसर मगर जामे रोशनी डालते हुए फ़रमाया कि हमारी ये ख़ानक़ाह अहमदिया आज से नहीं बल्कि एक ज़माने से ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ कर रही है । यहां के बुज़ुर्गों ने हमेशा से बग़ैर किसी मस्लकी इख्तिलाफ़ के अवाम को जोड़ने और दिलों को संवारने का अज़ीम काम अंजाम दिया है। अपनी तक़रीर में मौलवी अब्दुल वह्हाब खां साहब ने साहब-ए-ख़ानक़ाह हज़रत सय्यदना शाह अहमद अली खां साहब रहमतुल्लाह अलैह और दीगर बुज़ुर्गों से अपनी निस्बत को जोड़ने और उसे अपने लिए फ़ख़्र समझने पर ज़ोर दिया।

अन्य प्रमुख खबरें