5 जून को अभिजीत मुहूर्त में होगी प्राण-प्रतिष्ठा, नहीं रुकेंगे दर्शन-पूजन

खबर सार :-
अयोध्या में राम दरबार समेत आठ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को होने जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी की जा रही हैं। कार्यक्रम में विभिन्न संप्रदायों के संत, धर्मगुरु, राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और कई अन्य संगठन मौजूद रहेंगे।

5 जून को अभिजीत मुहूर्त में होगी प्राण-प्रतिष्ठा, नहीं रुकेंगे दर्शन-पूजन
खबर विस्तार : -

अयोध्याः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम दरबार समेत आठ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को कराने की घोषणा की है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह ऐतिहासिक आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:25 से 11:40 के बीच होगा। इस आयोजन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है।

चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश के नेतृत्व में 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न कराया जाएगा। यह आयोजन तीन जून से शुरू होगा, जिसमें यज्ञ मंडप पूजा और अग्नि स्थापना जैसे अनुष्ठान शामिल होंगे। चार जून को विभिन्न अधिवेशन और पालकी यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जबकि मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह पांच जून को होगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। 

विभिन्न संप्रदायों के संत, धर्मगुरु, राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहेंगं। कार्यक्रम की शुरुआत 2 जून को मातृ शक्तियों द्वारा जल कलश यात्रा से होगी।

प्रेस वार्ता के दौरान महासचिव चंपत राय ने कहा कि यात्री सुविधा केंद्र में तुलसीदास जी की मूर्ति स्थापित की गई है। सभी को उनके दर्शन करने को मिलेंगे। इसके अलावा महर्षि अगस्त्य, वाल्मीकि, विश्वामित्र और चारों गुरुओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियां जयपुर में बनाई गई हैं। सभी काफी भारी हैं। इसलिए उन्हें यहां लाकर स्थापित किया गया है। प्रतिमाएं प्राचीर में स्थापित की जाएंगी, लेकिन अभी कुछ काम बाकी है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद सिर्फ पूजा-अर्चना की जाएगी। 

अभी श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाएंगे। इसी तरह श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर विराजमान राजा राम के साथ उनके परिवार के दर्शन कराने की व्यवस्था करने पर मंथन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया था, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। इस बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में अपने महत्व को रेखांकित करेगा। चंपत राय ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी बल मिलेगा।

 प्राण प्रतिष्ठा की सभी तैयारियां वैदिक रीति से की जा रही हैं, ताकि पूरे विधि-विधान के साथ यह समारोह संपन्न हो। राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी श्रद्धालुओं से इस पावन अवसर पर सम्मिलित होकर भगवान श्री राम के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करने का आह्वान किया है।

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