Rahul Gandhi को बड़ी राहत, अमित शाह पर टिप्पणी के मामले में चाईबासा कोर्ट से मिली जमानत

खबर सार :-
Rahul Gandhi Gets Bail: झारखंड के चाईबासा की अदालत से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। कांग्रेस नेता पर एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था।

Rahul Gandhi को बड़ी राहत, अमित शाह पर टिप्पणी के मामले में चाईबासा कोर्ट से मिली जमानत
खबर विस्तार : -

Rahul Gandhi: भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के एक मामले में झारखंड की चाईबासा कोर्ट ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बड़ राहत दी है। चाईबासा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को मंगलवार को जमानत दे दी।

Rahul Gandhi: अमित शाह को कहा था "हत्यारा

राहुल गांधी न्यायिक मजिस्ट्रेट सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिसके बाद अदालत ने उन्हें मुकदमे में सहयोग करने की शर्त पर यह राहत दी। यह मामला वर्ष 2018 में कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को "हत्यारा" कहा था।

इस बयान को लेकर चाईबासा निवासी भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था, "कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। कांग्रेसी एक हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते; यह केवल भाजपा में ही संभव है।"

2024 में जारी हुआ था गैर-ज़मानती वारंट

इस मामले में अदालत ने अप्रैल 2022 में जमानती वारंट और फिर फरवरी 2024 में गैर-ज़मानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत पेशी से छूट के लिए आवेदन किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और कुछ समय के लिए राहत मिली, लेकिन मार्च 2024 में उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा कर दिया।

इसके बाद, चाईबासा अदालत ने 22 मई 2025 को फिर से गैर-ज़मानती वारंट जारी किया। अंततः राहुल गांधी 6 अगस्त को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिसके बाद उन्हें सशर्त ज़मानत दे दी गई। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने अदालत में दलीलें रखीं। अब यह मामला ट्रायल प्रक्रिया में आगे बढ़ेगा।

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