निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार शुरू

खबर सार :-
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने बुधवार से 3 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। संघर्ष समिति ने यूपीपीसीएल के चेयरमैन और ऊर्जा प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह अवैध तरीके से नियुक्त कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश रच रहे हैं।

खबर विस्तार : -

लखनऊ: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने बुधवार से 3 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार शुरू किया गया है। संघर्ष समिति ने यूपीपीसीएल के चेयरमैन और ऊर्जा प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह अवैध तरीके से नियुक्त कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश रच रहे हैं।

बैक डेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले कंसल्टेंट को बरी करने में लगे हुए हैं, इसके लिए कार्यकाल पूरा होने के बावजूद निदेशक वित्त निधि नारंग को एक और सेवा विस्तार देने की तैयारी की जा रही है। पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम के 42 जनपदों के निजीकरण के विरोध में संचालित आंदोलन के तहत बुधवार को बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश में दोपहर दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक प्रदेश में 3 घंटे का विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम शुरू किया गया।

प्रदेश के सभी जिलों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत बिजली कर्मचारियों ने दफ्तर के बाहर आकर निजीकरण का पुरजोर विरोध किया। समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेंद्र राय, पीके दीक्षित, सुहैल आबिद, शशिकांत श्रीवास्तव, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेंद्र पांडेय समेत अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि बुधवार को वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, आजमगढ़, बस्ती मिर्जापुर, एटा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर, सीतापुर, ओबरा, अनपरा, पिपरी, हरदुआगंज, जवाहरपुर, पारीछा और पनकी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। 
 

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