मुखबिरी के संदेह में हत्या: 10 साल पुराने मामले में 5 दोषियों को उम्रकैद

खबर सार :-
पीलीभीत में दस साल पहले हुए हत्या के मामले में कोर्ट ने 5 दोषियों को अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 10 साल पहले गोकशी की मुखबिरी करने के शक में वकील खान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

मुखबिरी के संदेह में हत्या: 10 साल पुराने मामले में 5 दोषियों को उम्रकैद
खबर विस्तार : -

पीलीभीत के पूरनपुर थाना क्षेत्र में करीब दस साल पहले गोकशी की मुखबिरी के शक में पड़ोसी वकील खान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। गुरुवार को एडिशनल सेशन जज विजय कुमार ने मुख्य आरोपी शाहिदा उर्फ ​​शाहिद खान और उसके चार साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

गोकशी और मांस तस्करी का आरोप

यह घटना 24 जून 2015 को पूरनपुर के ढक्का गांव में हुई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता नंदन बाबू गंगवार ने बताया कि ढक्का गांव निवासी शाहिद खान उर्फ ​​शाहिदा सुनसान इलाकों में गोकशी करता था और मांस की तस्करी करता था। जनवरी 2015 में पुलिस ने उसे गोकशी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

शाहिद के चार साथियों शाहिद खान, राशिद, आरिफ और वाजिद को शक था कि पड़ोसी वकील खान ने पुलिस को मुखबिरी की है। वकील खान की पत्नी शहबुन्निशा के मुताबिक, 24 जून 2015 को जब वकील खान ने शाहिदा को गन्ने के खेत में गाय काटने की तैयारी करते हुए देखा, तो उनके बीच लड़ाई हो गई।

दिनदहाड़े हत्या

दोपहर करीब 12:30 बजे, शाहिदा और उसके साथी, राशिद, आरिफ, शाहिद और वाजिद, लाइसेंसी राइफल, बंदूक और पिस्तौल लेकर वकील खान के घर में घुस गए। शोर सुनकर वकील खान का बड़ा भाई, अकील खान बीच-बचाव करने आया, लेकिन उसे भी पीटा गया। फिर हमलावरों ने वकील खान को घर से घसीटकर सड़क पर ले आए और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस जांच में पता चला कि शाहिदा और उसके चार भाई, खालिद और आसिफ के साथ, इस घटना में शामिल थे। सरकारी वकील ने चश्मदीद शहबुन्निशा और घायल नूर मोहम्मद और अतीक समेत दूसरे गांववालों को गवाह के तौर पर पेश किया।

कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

कोर्ट ने शाहिदा, शाहिद, राशिद, आरिफ और वाजिद को हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। शाहिदा और राशिद पर 34,000 रुपये और बाकी तीन भाइयों पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। खालिद और आसिफ को तीन साल की जेल और 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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