पीलीभीत में ग्राम सचिवों का विरोध: ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन

खबर सार :-
पीलीभीत के ब्लॉक पूरनपुर में ग्राम सचिवों ने ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने डोंगल जमा कर विरोध जताया और प्रशासन से व्यावहारिक समाधान की मांग की। सचिवों के इस आंदोलन से विकास कार्यों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

पीलीभीत में ग्राम सचिवों का विरोध: ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन
खबर विस्तार : -

पीलीभीत : जनपद के ब्लॉक पूरनपुर में मंगलवार को ग्राम सचिवों ने अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया, जब उन्होंने ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली के खिलाफ विरोध जताते हुए अपने डोंगल खंड विकास अधिकारी परिसर में जमा कर दिए। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ और ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन द्वारा किया गया। सचिवों का कहना है कि ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली का वर्तमान रूप पूरी तरह से व्यावहारिक नहीं है और इसने उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव में डाल दिया है।

ग्राम सचिवों का आरोप है कि एक सचिव को कई ग्राम पंचायतों का प्रभार सौंपा जाता है, और ऐसे में सभी पंचायतों में जाकर निर्धारित समय पर ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करना असंभव हो जाता है। सचिवों ने बताया कि नेटवर्क की समस्याओं, दूर-दराज के इलाकों, संसाधनों की कमी और कार्यभार की अधिकता के कारण यह व्यवस्था केवल दबाव बनाने का एक जरिया बन गई है। इसके परिणामस्वरूप कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। ग्राम सचिवों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी कारणवश हाजिरी दर्ज नहीं हो पाती, तो उन्हें अनावश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जाता है, जिससे उनका मानसिक शोषण हो रहा है। इसके अलावा, सचिवों का मानना है कि यह प्रणाली उन्हें अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने से रोक रही है और वे पूरी तरह से दबाव महसूस कर रहे हैं।

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेताओं में जिला अध्यक्ष अवनीश कुमार, ओमप्रकाश, राहुल भारती, विजय कुमार, विजय पासवान, राहुल कनोजिया शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में यह मांग की कि ऑनलाइन हाजिरी की बाध्यता को समाप्त कर, जमीनी परिस्थितियों और व्यावहारिकता के अनुरूप एक नई व्यवस्था लागू की जाए। ग्राम सचिवों के इस कदम से ब्लॉक स्तर पर विकास कार्यों के प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। अब सवाल यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाएगा? क्या संवाद के जरिए समाधान निकाला जाएगा, या फिर इस मुद्दे को लेकर टकराव की स्थिति पैदा होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

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