पीएसी का 78 वर्षों का गौरवशाली इतिहास: अनुशासन, शौर्य और समर्पण की मिसाल : सीएम योगी

खबर सार :-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएसी के 78 साल के इतिहास को सराहा। उन्होंने पीएसी के जवानों की शौर्य और समर्पण को मान्यता देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था के मजबूत होने पर जोर दिया। पढ़ें पीएसी के योगदान और यूपी पुलिस के नवाचारों के बारे में।

पीएसी का 78 वर्षों का गौरवशाली इतिहास: अनुशासन, शौर्य और समर्पण की मिसाल : सीएम योगी
खबर विस्तार : -

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 78 साल के लंबे और गौरवपूर्ण इतिहास वाले उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशालय (पीएसी) के बल की सराहना करते हुए कहा कि इस बल का इतिहास हमेशा अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण से भरा रहा है। उन्होंने जवानों से अपील की कि उनका लक्ष्य हमेशा साहस, कर्तव्यनिष्ठा, व्यावसायिक दक्षता और कठिन प्रशिक्षण पर आधारित होना चाहिए। साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा पीएसी के कर्मियों के सम्मान, सुविधाओं और संसाधनों में लगातार वृद्धि करने का वादा भी किया। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज और सख्त सुरक्षा व्यवस्था ही राज्य में आत्मविश्वास का प्रमुख कारण है। उनके अनुसार, कानून व्यवस्था और सुशासन के साथ ही राज्य में निवेश का माहौल भी सुरक्षित होता है, जो युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक अहम जरिया बन सकता है।

पीएसी का 78 वर्षों का गौरवशाली इतिहास: एक मिसाल

सीएम योगी ने यूपीपीएसी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान बल की 78 साल पुरानी सेवा और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएसी बल न केवल राज्य के आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह प्रदेश में महत्वपूर्ण त्योहारों, चुनावों और उच्च नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। पीएसी के जवानों की निस्वार्थ सेवा राज्य के साथ-साथ देशभर में पहचान बना चुकी है। सीएम ने पीएसी के अदम्य साहस को भी सलाम किया। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर 2001 को 30वीं वाहिनी के जवानों ने संसद पर हमले का जवाब देते हुए पांच आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके अलावा, जुलाई 2005 में अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के दौरान पीएसी ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर आतंकवादियों का खात्मा किया था।

पीएसी का सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित कर उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था को बनाए रखा है। इसके साथ ही पीएसी के जवानों को अत्याधुनिक हथियारों और दंगा नियंत्रण उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। साथ ही, पीएसी के कर्मियों के प्रशिक्षण को अपडेट करने और उनकी व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने के लिए नए पाठ्यक्रमों को लागू किया गया है। सीएम योगी ने यह भी बताया कि सरकार ने पीएसी में 41,893 आरक्षियों और 698 प्लाटून कमांडरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा, सेवा के दौरान शहीद जवानों के 396 आश्रितों को आरक्षी और 58 आश्रितों को प्लाटून कमांडर के पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पीएसी के कर्मियों के लिए पदोन्नति के नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं और 184 निरीक्षकों तथा 3772 उपनिरीक्षकों के पदों में वृद्धि की गई है।

पुलिस कल्याण योजनाएं

पीएसी स्थापना दिवस (पीएसी का 78 वर्षों का गौरवशाली इतिहास) के अवसर पर सीएम योगी ने पुलिस कल्याण योजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में 31 पुलिस मॉडर्न स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पीएसी के जवानों को किफायती दरों पर सामान उपलब्ध कराने के लिए 13 मास्टर कैंटीन और 103 सब्सिडियरी कैंटीन खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की छह कंपनियों द्वारा की जा रही सेवा की सराहना की। साथ ही, प्रदेश में पुलिस विभाग के लिए खेलों में भी नए अवसर पैदा किए गए हैं, जिसमें 480 कुशल खिलाड़ियों की भर्ती की गई है। आगामी पुलिस स्मृति दिवस पर खेल बजट को 70 लाख से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया जाएगा।

पुलिस बल का सशक्तिकरण और महिलाओं का योगदान

सीएम योगी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस बल में 2.19 लाख कर्मियों की भर्ती की गई है, जिसमें 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। यूपी पुलिस बल में अब 44 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी अपनी सेवा दे रही हैं। इसके साथ ही पुलिस बल की ट्रेनिंग क्षमता में भी कई गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश में पुलिस विभाग के लिए हाईराइज भवनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, साइबर थाना और साइबर सेल के माध्यम से मॉडर्न पुलिसिंग की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। यूपी पुलिस के लिए अत्याधुनिक 12 एफएसएल लैब बनकर तैयार हो चुकी हैं।
 

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