वन स्टॉप सेंटर की संवेदनशील पहल से अज्ञात महिला रूपा को मिला परिवार और आश्रय

खबर सार :-
रामपुर में वन स्टॉप सेंटर की संवेदनशील पहल से एक अज्ञात मानसिक रूप से अस्वस्थ गर्भवती महिला को उपचार, परिवार और उसकी नवजात बच्ची को सुरक्षित भविष्य मिला।

वन स्टॉप सेंटर की संवेदनशील पहल से अज्ञात महिला रूपा को मिला परिवार और आश्रय
खबर विस्तार : -

रामपुर: समाज में कई बार ऐसी घटनाएँ सामने आती हैं, जहाँ मानवीय संवेदना और प्रशासनिक तत्परता किसी अनजान जीवन को नई दिशा दे देती है। ऐसा ही एक भावुक कर देने वाला मामला रामपुर जनपद में देखने को मिला, जहाँ एक अज्ञात और मानसिक रूप से अस्वस्थ गर्भवती महिला को वन स्टॉप सेंटर की मदद से न केवल सुरक्षित उपचार मिला, बल्कि उसका बिछड़ा हुआ परिवार भी वापस मिला।

दोपहर लगभग 1:40 बजे रामपुर की एक सड़क पर स्थानीय लोगों ने एक महिला को प्रसव पीड़ा से जूझते हुए देखा। महिला की हालत अत्यंत गंभीर थी और वह मानसिक रूप से असंतुलित प्रतीत हो रही थी। तत्काल इसकी सूचना 112 पुलिस सेवा को दी गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुँचकर महिला को जिला अस्पताल भिजवाया, जहाँ रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया। प्रसव के बाद महिला की मानसिक स्थिति और अधिक बिगड़ गई। अस्पताल प्रशासन द्वारा इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को अवगत कराया। सूचना मिलते ही जिला प्रोबेशन अधिकारी ने वन स्टॉप सेंटर की टीम को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

वन स्टॉप सेंटर टीम ने तत्परता दिखाते हुए महिला को बेहतर मानसिक उपचार हेतु बरेली स्थित मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में भर्ती कराया। वहीं, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेशानुसार नवजात बच्ची को सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय बाल गृह (शिशु) सदन, रामपुर में संरक्षण में रखा गया। वन स्टॉप सेंटर की टीम द्वारा महिला के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की जाती रही। निरंतर प्रयासों का सकारात्मक परिणाम तब सामने आया जब 11 अक्टूबर 2025 को महिला की मानसिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ और वह अपने घर का पता बताने में सक्षम हो सकी।

इसके बाद 13 अक्टूबर 2025 को महिला का भाई बरेली स्थित मानसिक स्वास्थ्य संस्था पहुँचा। बहन ने उसे देखते ही पहचान लिया और अपने घर लौटने तथा अपने बच्चों से मिलने की इच्छा जताई। यह क्षण पूरे प्रयास की सफलता का प्रतीक था। लगातार समन्वय और कानूनी प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत 12 दिसंबर 2025 को सीडब्ल्यूसी के आदेश से नवजात बच्ची वंशिका को उसकी माँ और मामा के सुपुर्द कर दिया गया। इस प्रकार एक माँ को उसकी संतान और परिवार से पुनः मिलाया गया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नवजात को बेबी किट, कंबल, खिलौने और वस्त्र भेंट किए गए तथा उसके सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी गईं। यह मामला न केवल प्रशासनिक सहयोग का उदाहरण है, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रेरणादायक संदेश देता है।

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