लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीमारदारों की सुविधा हेतु 6.50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ‘रामाश्रय भवन’ का किया शिलान्यास

खबर सार :-
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह भवन को सिर्फ एक इमारत नहीं हैं बल्कि समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह भवन छह करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीमारदारों की सुविधा हेतु 6.50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ‘रामाश्रय भवन’ का किया शिलान्यास
खबर विस्तार : -

कोटाः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को जे.के. लोन अस्पताल परिसर में तीमारदारों की सुविधा हेतु 6.50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ‘रामाश्रय भवन’ का शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि यह भवन केवल एक ईंट और पत्थर का निर्माण नहीं, बल्कि सेवा, संवेदना और समाज के प्रति समर्पण की भावना का मूर्त रूप है। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में रात्रि के समय खुले में सोते तीमारदारों को देखकर उनके मन में यह विचार उत्पन्न हुआ कि एक ऐसी सुविधा होनी चाहिए, जहां ये लोग सुरक्षित और सम्मानपूर्वक ठहर सकें। उन्होंने कहा कि यही विचार ‘रामाश्रय भवन’ की परिकल्पना का आधार बना। भगवान श्रीराम ने जीवन भर वंचितों को आत्मसम्मान के साथ खड़ा किया। उसी भावना से प्रेरित यह भवन समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने का माध्यम बनेगा।

चिकित्सा सेवाओं का उभरता केन्द्र है कोटा

बिरला ने कहा कि कोटा, हाड़ौती ही नहीं बल्कि दक्षिणी राजस्थान और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के लिए भी एक प्रमुख चिकित्सा केन्द्र के रूप में उभर रहा है। जे.के. लोन, एमबीएस और न्यू मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन हजारों मरीज उपचार हेतु आते हैं। कोटा में हमारे सभी जनप्रतिनिधियों के प्रयासों के चिकित्सा सुविधाओं में निरन्तर विस्तार हो रहा है। कोटा में सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं, जैसे किडनी ट्रांसप्लांट और कैंसर उपचार, की दिशा में कार्य किया जा रहा है। रामगंजमंडी में जिला अस्पताल, सांगोद में उपजिला अस्पताल, बारां रोड पर नया अस्पताल और कैंसर यूनिट जैसे निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। ये सभी परियोजनाएं कोटा को चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगी।

हर गरीब को छत, हर मरीज को सम्मान

बिरला ने कहा कि रामाश्रय भवन का निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष में पूर्ण होगा। भविष्य में कोटा रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार के भवन बनाने की योजना है, ताकि कोई भी जरूरतमंद खुले में रात बिताने को विवश न हो। हर गरीब को छत उपलब्ध कराने के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने बताया कि पहले चरण में 10,000 और आगे चलकर 50,000 आवासीय इकाइयों के निर्माण करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सपना है कि इलाज किसी परिवार पर आर्थिक बोझ न बने, कोई भी इलाज के अभाव में न रहे, और सरकारी अस्पतालों की सुविधाएं निजी अस्पतालों से बेहतर हों। इस दिशा में जनप्रतिनिधि, प्रशासन और चिकित्सकीय स्टाफ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। इस दौरान महापौर राजीव अग्रवाल, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष प्रेम गोचर, शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य संगीत सक्सैना आदि मौजूद रहे।  

जरूरतमंद के सुख-दुख में बनेंगे सहभागी

शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि रामाश्रय भवन का निर्माण सामाजिक संवेदना का जीवंत उदाहरण है। हर जरूरतमंद के सुख दुख में हम सहभागी बनें यह हम सभी जनप्रतिनिधियों का नैतिक दायित्व है। रामाश्रय के रूप में इस जनहितैषी प्रयास में हम पूरा सहयोग करेंगे।  

रामाश्रय उम्मीद और आत्मविश्वास का प्रतीक

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि श्रामाश्रय भवनश् केवल एक इमारत नहीं, बल्कि एक मानवीय सोच का विस्तार है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की यह पहल समाज के जरूरतमंद वर्ग को राहत पहुंचाएगी। यह भवन उनके लिए उम्मीद और आत्मविश्वास का प्रतीक बनेगा। 

जनसामान्य की पीड़ा दूर होगी 

विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि रामाश्रय भवन जनसामान्य की पीड़ा को समझते हुए की गई एक संवेदनशील पहल है। आज से 17 वर्ष पूर्व जब इसी परिसर से श्कंबल निधिश् की शुरुआत हुई, तब मैं उसका साक्षी बना था। आज मुझे व्यक्तिगत रूप से गर्व है कि मैं श्रामाश्रयश् जैसे सेवा-भाव से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य का भी साक्षी बन रहा हूँ।  

सम्मानजनक ठहराव की व्यवस्था

विधायक कल्पना देवी ने कहा कि अपने परिजनों अस्पताल लाना व्यक्ति के जीवन की सबसे कठिन घड़ी होती है। इस संकट की घड़ी में यदि तीमारदारों को ठहरने और भोजन जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भटकना पड़े, तो पीड़ा और बढ़ जाती है। यह भवन आने वाले वर्षों में हजारों ज़रूरतमंद लोगों को राहत और सम्मानजनक सुविधा प्रदान करेगा। 
 

यह मिलेगी सुविधा 

तीन मंजिला भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा, जिसमें तीमारदारों के लिए प्रत्येक मंजिल पर 114 बेड सहित कुल 342 बेड की व्यवस्था होगी। महिलाओं के लिए अलग डॉर्मिट्री में उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी। गर्मी के मौसम को देखते हुए पूरा भवन सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम से सुसज्जित रहेगा। 

निःशुल्क भोजन का भी प्रबंध

रामाश्रय भवन में रहने के साथ-साथ निरूशुल्क भोजन की सुविधा भी दी जाएगी। ग्राउंड फ्लोर पर एक भव्य किचन व डाइनिंग हॉल बनाया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोग एक साथ भोजन कर सकेंगे।  प्रत्येक बेड के पास व्यक्तिगत लॉकर की व्यवस्था होगी, ताकि तीमारदार अपने जरूरी सामान को सुरक्षित रख सकें।

अन्य प्रमुख खबरें