लखनऊ : पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल द्वारा यात्री सुविधाओं में वृद्धि व परिचालनिक सुगमता के लिए मूलभूत ढ़ांचे में विस्तार करता रहता है। इस क्रम में गोंडा-बुढ़वल खंड (61.72 किमी) पर तीसरी रेल लाइन निर्माण के दूसरे चरण में करनैलगंज-घाघरा घाट (21.77 किमी) का 25,000 वोल्ट एसी क्षमता के नई विद्युतकर्षण लाइन युक्त तीसरी रेल लाइन खंड के संरक्षा परीक्षण के पहले दिन रेल संरक्षा आयुक्त ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीआरएस प्रणजीव सक्सेना ने सबसे पहले घाघरा घाट रेलवे स्टेशन पर तीसरी रेल लाइन के मानक के अनुरूप सेफ्टी अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, फाउलिंग मार्क, पैनल इन्टरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम आदि का संरक्षा के दृष्टिगत निरीक्षण किया और स्टेशन मास्टर से संरक्षा सम्बंधी प्रश्न पूछकर संरक्षा कार्य कुशलता परखी।
इसके बाद सीआरएस ने अन्य अधिकारियों के साथ मोटर ट्राली से घाघरा घाट-करनैलगंज रेल खंड के मध्य बनी तीसरी नई लाइन के संरक्षा निरीक्षण के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने घाघरा घाट-जरवल रोड स्टेशनों के मध्य एलएचएस का संरक्षा निरीक्षण किया और जरवल रोड स्टेशन पहुंचने पर मानकों के अनुरूप स्टेशन यार्ड, अधीक्षक कार्यालय, पैनल रूम, रिले रूम, बैटरी रूम व स्टेशन वर्किंग रुल के अपडेशन व नई रेलवे लाइन का व्यापक निरीक्षण किया। इसके बाद जरवल रोड-करनैलगंज स्टेशनों के मध्य समपार संख्या-296ए व 295ए, माइनर ब्रिज संख्या-389, एलएचएस संख्या-388ए और मेजर ब्रिज संख्या-388, एलएचएस संख्या-293, माइनर ब्रिज संख्या-387, एलएचएस संख्या-386ए, मेजर ब्रिज संख्या-386, एलएचएस संख्या-385ए, माइनर ब्रिज संख्या-385, समपार संख्या- 288 स्पेशल का संरक्षा निरीक्षण किया और कार्य प्रणाली के अनुरुप सभी गेट मैनों की कार्यशीलता के साथ संरक्षा सजगता को परखा।
इसके बाद सरयू रेलवे स्टेशन पहुंचकर सीआरएस ने मानकों के अनुरूप स्टेशन यार्ड, अधीक्षक कार्यालय, पैनल रूम, रिले रूम, बैटरी रूम व स्टेशन वर्किंग रुल के अपडेशन, नई रेलवे लाइन का व्यापक निरीक्षण किया और संरक्षा के सभी बिन्दुओं को परखा। निरीक्षण के आखिरी चरण में 04 जुलाई को सरयू-करनैलगंज के मध्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा संरक्षा निरीक्षण किया जाएगा और करनैलगंज-घाघरा घाट के मध्य स्पेशल ट्रेन से स्पीड ट्रायल भी किया जाएगा।
करनैलगंज-घाघरा घाट स्टेशनों के मध्य तीसरी रेल लाइन के खुल जाने से लाइन क्षमता में सुधार होने से इस खंड पर आम लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। गोंडा से बुढ़वल तक तीसरी लाइन बन जाने से यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी और लाइन क्षमता में वृद्धि होगी। आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। यह क्षेत्र तेजी से विकास की ओर बढ़ेगा। विद्युतीकरण समेत इस तीसरी रेल लाइन का निर्माण होने से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
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