NEET-UG में धांधली कर लाखों की ठगी करने वाला गैंग बेनकाब, STF ने नोएडा से तीन आरोपी पकड़े

खबर सार : -
neet ug exam scam: STF उत्तर प्रदेश ने NEET-UG परीक्षा में धांधली कर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। नोएडा से तीन आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद।

खबर विस्तार : -

neet-ug-exam-scam: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG पर भी अब शातिर ठगों ने काली कमाई के लिए अपनी नजरें गड़ा दी हैं।। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने एक ऐसे संगठित गैंग का पर्दाफाश किया है जो मेडिकल अभ्यर्थियों के माता-पिता से लाखों रुपये ऐंठ कर परीक्षा में सफलता दिलाने का झांसा देता था। शनिवार रात नोएडा से गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त हैं, विक्रम कुमार साह, धर्मपाल सिंह और अनिकेत कुमार। तीनों दिल्ली के निवासी हैं और एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी के नाम पर वर्षों से ठगी का यह खेल खेल रहे थे। इनके कब्जे से नकली आधार कार्ड, अभ्यर्थियों की डेटा शीट, क्रेडिट कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, चेक बुक, ऐप्पल मैकबुक और एक फॉर्च्यूनर कार बरामद हुई है।

SHREYANVI EDU OPC PVT LTD के नाम से नया खेल किया था शुरू 

STF को खुफिया सूचना मिली थी कि 4 मई को आयोजित NEET-UG परीक्षा से ठीक पहले कुछ लोग अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर परिजनों से मोटी रकम वसूल रहे हैं। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पहले Admission View नाम से फर्जी एजुकेशनल फर्म बनाई थी, फिर 2023 में शिकायतें बढ़ने पर SHREYANVI EDU OPC PVT LTD के नाम से नया खेल शुरू किया। पूछताछ में विक्रम कुमार साह ने कबूला कि वह बिहार से पढ़ाई कर चेन्नई के विनायका मिशन विश्वविद्यालय पहुंचा, जहां अनिकेत से मुलाकात हुई। यहीं से दोनों ने प्रवेश प्रक्रिया को अपनी आय का जरिया बनाया। दिल्ली आकर धर्मपाल से हाथ मिलाया और फिर NEET जैसे परीक्षाओं को निशाना बनाकर झांसे और जालसाजी का मकड़जाल बिछा दिया। 

OMR शीट लेकर बाद में सही उत्तर भरने के लिए 5 लाख रुपये तक की मांग

वे अभ्यर्थियों से 5 लाख रुपये तक की मांग करते और उत्तर भरने के नाम पर खाली OMR शीट लेकर बाद में सही उत्तर भरने का झांसा देते। प्रवेश न होने पर टाल-मटोल और फिर फरार हो जाना इनका सामान्य पैटर्न था। STF टीम, अपर पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा व उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार के नेतृत्व में बनी थी, जिसे निरीक्षक सचिन कुमार व उ0नि0 सनत कुमार ने अमल में लाया। कार्रवाई थाना फेज-1, सेक्टर-3 नोएडा में की गई और बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। इस खुलासे ने न सिर्फ परीक्षा प्रणाली की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी बताया कि डेटा सुरक्षा और डिजिटल माध्यमों से धोखाधड़ी अब कितनी संगठित और बहुरूपी हो चुकी है।
 

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