नानकपुर में पानी की किल्लत को लेकर महिलाओं ने सिर पर मटका रखकर किया प्रदर्शन

खबर सार : -
भरतपुर जिले के नानकपुर इलाके लोग के लोग हफ्तों से पानी की किल्लत को लेकर परेशानी झेल रहे हैं। स्थिति यह है कि महिलाओं को रेलवे ट्रैक पार करके पानी भरने जाना पड़ रहा है, इसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।

खबर विस्तार : -

भरतपुरः जिले के नानकपुर के रहने वाले लोगों ने पानी की किल्लत से परेशान होकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और जलदाय विभाग कार्यालय पर महिलाओं ने सिर पर मटके लेकर धरना प्रदर्शन किया।

बता दें कि रूपवास शहर की नानकपुर कॉलोनी के वार्ड नंबर 22 एवं 23 के बाशिंदों ने बुधवार को उपखंड अधिकारी विष्णु बंसल को पानी की किल्लत को लेकर ज्ञापन सौंपा। नानकपुर संघर्ष समिति के संयोजक वीरेंद्र सिंह एवं खेमेन्द्र सिंह मेवला ने बताया कि पानी की किल्लत को लेकर एक सप्ताह तक हमने शांतिपूर्वक धरना दिया था। इसके बाद विधायक, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, नगर पालिका ईओ, जलदाय विभाग व चंबल परियोजना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर 7 दिन का आश्वासन देकर धरने को समाप्त करवा दिया था। अधिकारियों ने 7 दिन में क्षतिग्रस्त लाइन को बदलने एवं कुछ दूरी पर नई लाइन बढ़ाने एवं दो पॉइंट लगाने की बात कही थी, जिसे नानकपुर वासियों ने मान लिया। इसके बाद भी किसी ने भी पानी की समस्या की सुधि नहीं ली।

रेल पटरियां पार करके महिलाएं लाती हैं पानी 

ज्ञापन में बताया है कि महिलाएं रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियां पार करके पानी लाती है एवं रेलवे स्टेशन पर ट्रेन खड़ी हो तो 100 सीढ़ियां चढ़कर पुल पार करना पड़ता है। यदि रेल पटरी पार करते समय कोई ट्रेन आ जाती है, तो हादसा होने की संभावना बनी रहती है। पानी की किल्लत को दूर नहीं किया गया, तो 12 मई सोमवार से उग्र धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद महिलाएं मटके लेकर जलदाय विभाग कार्यालय पर गई, वहां पर कर्मचारी राजवीर सिंह मिले। कर्मचारियों की बातों से असंतुष्ट महिलाओं ने सिर पर मटके रखकर जलदाय विभाग अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रकट किया। इसके बाद फोन पर सहायक अभियंता उत्तम सिंह ने बताया कि गुरुवार को नानकपुर में मौके पर आऊंगा एवं समस्या समाधान करवाऊंगा। संघर्ष समिति के संयोजक वीरेंद्र सिंह ने बताया की हमें 6 इंची की पाइप लाइन 500 मीटर दे दी जाए, तो हम अपने खर्चे पर बदल देंगे। कुछ दूरी पर आगे ले जाएंगे, जिससे गर्मियों के मौसम में जो पानी की किल्लत रहती है, इसका अस्थाई समाधान हो जाएगा। 

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