राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गायन आयोजित

खबर सार :-
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिकारियों ने कहा कि “वन्दे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत माता के प्रति प्रेम, एकता और समर्पण का प्रतीक है। यह गीत हमारे राष्ट्रीय संघर्ष और समर्पण के प्रतीक के रूप में आज भी जीवित है और देशवासियों को प्रेरणा देता है।

राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गायन आयोजित
खबर विस्तार : -

मुजफ्फरनगर: आज जनपद मुज़फ्फरनगर में राष्ट्रगीत “वन्दे मातरम्” की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समस्त पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन कर देशभक्ति की भावना को एकजुट किया और अपनी कर्तव्यों के प्रति समर्पण को सशक्त किया।

जोश और देशभक्ति का उल्लास

कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक महत्व और इसके सांस्कृतिक संदर्भ पर संक्षिप्त परिचर्चा से हुआ। पुलिसकर्मियों को बताया गया कि कैसे रवींद्रनाथ ठाकुर (रवींद्रनाथ ठाकुर) ने 1876 में लिखा गया यह गीत न केवल एक संगीत रचना है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। इसके बाद समस्त पुलिस अधिकारीगण और कर्मचारियों ने मिलकर राष्ट्रगीत "वन्दे मातरम्" का सामूहिक गायन किया, जिसमें जोश और देशभक्ति का स्पष्ट उल्लास देखा गया।

पीएम ने की गर्व और श्रद्धा के साथ गाने की अपील

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट भी देखा गया। प्रधानमंत्री के संदेश को पुलिसकर्मियों ने गहनता से सुना और उनके विचारों से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रगीत को भारतीयता और एकता के प्रतीक के रूप में सराहा और देशवासियों से इसे गर्व और श्रद्धा के साथ गाने की अपील की।

पुलिसकर्मियों ने इसे अपनी ड्यूटी और कर्तव्यों के प्रति देशभक्ति की भावना को सशक्त करने का अवसर बताया। इस कार्यक्रम में जिले के समस्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने मिलकर इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र के प्रति समर्पण और एकता की भावना से हुआ।

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