मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री के रूप में ली शपथ, राजनीतिक समीकरणों में हलचल

खबर सार :-
पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेलंगाना में मंत्री के रूप में शपथ ली। वह मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की कैबिनेट के पहले मुस्लिम मंत्री बने हैं। अजहरुद्दीन की नियुक्ति को कांग्रेस पार्टी के लिए मुसलमानों तक पहुंचने की कोशिश माना जा रहा है, खासकर आगामी जुबली हिल्स उपचुनाव के संदर्भ में।

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री के रूप में ली शपथ, राजनीतिक समीकरणों में हलचल
खबर विस्तार : -

Mohammad Azharuddin Minister : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना के कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें राजभवन में हुए एक विशेष समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।

अजहरुद्दीन ने अल्लाह के नाम पर शपथ ली

अजहरुद्दीन ने अल्लाह के नाम पर शपथ ली और समारोह के अंत में जय तेलंगाना और जय हिंद के नारे लगाए। उनके बेटे मोहम्मद असदुद्दीन भी समारोह में उपस्थित थे, जिन्हें हाल ही में टीपीसीसी का महासचिव नियुक्त किया गया है। अजहरुद्दीन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिलने की संभावना जताई जा रही है। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस के इस बड़े नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे पार्टी का उद्देश्य मुसलमान समुदाय तक अपनी पहुंच को और मजबूत करना है, क्योंकि तेलंगाना में मुस्लिम मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है, खासकर जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र में। अजहरुद्दीन के मंत्री बनने से राज्य कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या अब 16 हो गई है। वह मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की कैबिनेट के पहले मुस्लिम मंत्री हैं, जिससे यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन जाता है। इससे पहले, सत्ताधारी पार्टी को मुस्लिम समुदाय द्वारा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि दो साल से सत्ता में आने के बावजूद कोई मुस्लिम मंत्री नहीं था।

अजहरुद्दीन की राजनीति में एंट्री 2009 में हुई थी

चुनाव के संदर्भ में, अजहरुद्दीन को 2023 के जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले मंत्री बनाया गया है। हालांकि, भाजपा ने इस कदम पर आपत्ति जताते हुए इसे चुनावी कूटनीति का हिस्सा बताया और निर्वाचन आयोग से कैबिनेट विस्तार की अनुमति नहीं देने की अपील की। भाजपा का आरोप है कि अजहरुद्दीन को विशेष रूप से मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने के लिए मंत्री बनाया गया है, जो मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है। अजहरुद्दीन की राजनीति में एंट्री 2009 में हुई थी, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) और टोंक-सवाई माधोपुर (राजस्थान) से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और वे पार्टी के लिए विधानसभा चुनावों में प्रचार करते रहे।
 

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