रामपुर: मिशन शक्ति 5.0 के तहत “रन फॉर एम्पावरमेंट” रैली का भव्य आयोजन

खबर सार :-
रामपुर में मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत “रन फॉर एम्पावरमेंट” रैली का आयोजन किया गया। 600 महिला आरक्षियों ने इसमें भाग लिया। रैली का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के प्रति जनजागरूकता फैलाना था। यह आयोजन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में पुलिस की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।

रामपुर: मिशन शक्ति 5.0 के तहत “रन फॉर एम्पावरमेंट” रैली का भव्य आयोजन
खबर विस्तार : -

रामपुर : *मिशन शक्ति अभियान 5.0* के अंतर्गत महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु एक प्रेरणादायक “रन फॉर एम्पावरमेंट” रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी शाहबाद, एवं आरटीसी रिजर्व पुलिस लाइन द्वारा आयोजित किया गया।

रैली की शुरुआत रिजर्व पुलिस लाइन, रामपुर से हुई, जिसे मोरी गेट तक ले जाया गया। पुलिस अधीक्षक ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। इस आयोजन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 600 महिला आरक्षियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान महिला आरक्षी निधि चौधरी ने थाना कोतवाली रामपुर की पीआरवी 1394 का संचालन कर यह संदेश दिया कि महिलाएं न केवल सुरक्षा बलों में भागीदारी निभा सकती हैं, बल्कि हर जिम्मेदारी को कुशलता से निभाने में सक्षम हैं।

कार्यक्रम में महिला प्रशिक्षु 223 मनु एवं प्रशिक्षु 259 अनामिका मिश्रा द्वारा प्रस्तुत सुंदर पंक्तियों ने सभी को प्रेरित किया। रैली का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर, सशक्त और जागरूक बनाना था, जिससे समाज में महिला सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता मिल सके। रामपुर पुलिस इस दिशा में लगातार प्रयासरत है।

                                1.
मै भी छू सकती हूँ आकाश, अवसर की है मुझे तलाश ।
अवसर नारी को दिलाना है, मिशन शक्ति को सफल बनाना है ।
मिशन शक्ति के निर्धारित लक्ष्य, महिलाएं हो सुरक्षित सशक्त।
नारी सृजनहार है, बराबरी की हकदार है।
हौंसलो से उड़ान भरती है नारी, हर मुश्किल से लड़ती है नारी।
अबला नही है बिल्कुल नारी, संघर्ष रहेंगे हमारे जारी।
शक्तिकरण की दौड़ है मिशन शक्ति पर जोर है। 

                       2.
नवयुग की रौद्र किरणे, जब निकल कर आती है ।
तभी स्त्री एक तेज बनकर दुनिया का अंधकार मिटाती है ।
श्वेत गगन में बिजली बनकर सिंह दहाड़ उठाती है ।
नदियो से बहते झरने में कल-कल शोर मचाती है ।
नवयुग की रौद्र,
उठ खड़ी तलवार बनकर दुश्मन को मार गिराती है ।
सरहद की रक्षा कर  अपने भारत का मान बढ़ाती है । 
नवयुग की रौद्र,
आज प्रतिस्पर्धा के युग में पुरूषो से कदम मिलाती है ।
तिरंगे का गौरव बनकर एक परचम सा लहराती है।
नवयुग की रौद्र,
नारी होकर नारी का सम्मान बचाती है।
खुद, खुदा से दुआओ में अपने को मांग कर लाती है ।
नवयुग की रौद्र,

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