Mining accident in Sonbhadra : गुरुवार को सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र स्थित रासपहारी खदान में एक बड़ा खनन हादसा घटित हुआ, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इस हादसे में कई मजदूर भारी मलबे के नीचे दब गए हैं। घटना ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में अपने दौरे पर थे । हादसा बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में स्थित रासपहारी खदान में हुआ, जो कि लंबे समय से खनन गतिविधियों के कारण संवेदनशील माना जाता है। खदान में उस समय ड्रिलिंग का काम चल रहा था, जिसके तहत ब्लास्टिंग के लिए पहाड़ी की चट्टानों को खोखला किया जा रहा था। तभी अचानक पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा धसक गया और भारी चट्टानों का एक हिस्सा खदान में काम कर रहे मजदूरों के ऊपर गिर गया। इस चट्टान और मलबे के नीचे कई मजदूर दब गए।
यह हादसा उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में थे। इसके बावजूद कृष्णा माइनिंग वर्क्स द्वारा संचालित इस खदान में काम जारी रखा गया। खदान के संचालन का जिम्मा प्रो. दिलीप केशरी और मकसूदन सिंह के अधीन बताया जा रहा है, जिनके खिलाफ भी अब कार्रवाई की मांग हो रही है।
इस हादसे में अपनी जान गंवाने वालों में दो मजदूरों, संतोष पुत्र सोभनाथ और इंद्रजीत पुत्र सोभनाथ, दोनों निवासी करमसार शामिल हैं। वहीं, मलबे में अभी भी कुछ मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस घटना की मुख्य वजह हेवी ब्लास्टिंग को माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ब्लास्टिंग के दौरान चट्टानों का दरकना ही इस भयावह दुर्घटना का कारण बना। हादसे के बाद, मलबे में दबे हुए मजदूरों के परिजनों के बीच भारी शोक और अफरा-तफरी का माहौल है।
जैसे ही हादसा हुआ, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रशासन ने मौके पर फायर ब्रिगेड और जेसीबी मशीनों की तैनाती की है, ताकि मलबे को जल्दी हटाकर मजदूरों को निकाला जा सके। स्थानीय विधायक और क्षेत्रीय अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने बताया कि अब तक एक शव बरामद किया गया है, लेकिन मलबे के नीचे कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। बचाव दल की ओर से लगातार मलबा हटाने का काम किया जा रहा है, ताकि और मजदूरों को समय रहते बाहर निकाला जा सके। वहीं, घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है, क्योंकि बड़ी संख्या में मजदूरों के परिजन भी मौके पर पहुंच चुके हैं और अपने प्रियजनों की खोज में जुटे हुए हैं।
यह हादसा ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुआ, जो पिछले कुछ समय से खनन गतिविधियों के कारण संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाना जा रहा है। यहाँ पर बड़े पैमाने पर खनन कार्य होते रहे हैं, लेकिन कभी भी इस तरह के हादसे की आशंका नहीं जताई गई थी। हालांकि, इस क्षेत्र के खनन कार्यों के चलते कई बार प्रशासन को आगाह किया गया था कि इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। आखिरकार यह हादसा उन तमाम चेतावनियों की अनदेखी का परिणाम बन गया। इस घटना के बाद प्रशासन ने खनन कार्य की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने का फैसला लिया है और जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
घटना ने राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं और सरकार से जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मजदूर संगठनों ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतक मजदूरों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी हादसे के तुरंत बाद प्रशासन से सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की अपील की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न घटित हों। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए हादसे की जांच का आदेश दिया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में यह पाया जाएगा कि खनन कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सजा दिलवाने का वादा किया गया है। इस बीच, राहत कार्य पूरी गति से जारी है और प्रशासन की प्राथमिकता मलबे के नीचे दबे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है।
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