विद्यालयों के विलय के विरोध में शिक्षक संघ, कहा- खतरे में युवाओं का भविष्य

खबर सार :-
झांसी शिक्षक संघ सरकार की स्कूलों के विलय की योजना का विरोध कर रहा है। शिक्षक संघ का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। स्कूलों की संख्या कम होने के साथ ही शिक्षकों की संख्या भी कम हो जाएगी।

विद्यालयों के विलय के विरोध में शिक्षक संघ, कहा- खतरे में युवाओं का भविष्य
खबर विस्तार : -

झांसीः झांसी बेसिक शिक्षा विभाग झांसी में कम छात्र नामांकन वाले विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया का यहां के शिक्षक संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। शिक्षक संघ का कहना है कि जब विद्यालय कम होंगे तो शिक्षकों के पद भी कम हो जाएंगे या समाप्त कर दिए जाएंगे। मंडलीय शिक्षक संघ बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों को युग्मन नीति के तहत विलय किए जाने का विरोध कर रहा है। उनके प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सदर विधायक रवि शर्मा को दिया।

उन्होंने विधायक को बताया कि जब विद्यालयों की संख्या कम होगी तो शिक्षकों के पद भी स्वतः कम हो जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल ने विधायक से यह जानकारी भी साझा की कि भविष्य में शिक्षकों की भर्ती न होने से युवाओं का भविष्य भी खतरे में है। संघ का कहना है कि अधिकारी गांव के लोगों से जबरन हस्ताक्षर कराकर विद्यालयों को विलय करने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे भी अधिकांश विद्यालय काफी दूरी पर हैं, जिससे छोटे बच्चों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

विधायक रवि शर्मा ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगे। विधायक से मिलने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में जितेंद्र त्रिपाठी, उमेश बघेल, मोहित मिश्रा आदि शामिल रहे। शिक्षक संगठनों के विरोध के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने 14 विद्यालयों को मर्ज करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, यह प्रस्ताव खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा गया है। इस प्रस्ताव में झांसी नगर के अलावा मऊरानीपुर बबीना आदि ब्लॉकों के कई विद्यालय शामिल किए गए हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी विपुल सागर का कहना है कि अभिभावकों की सहमति के बाद ही इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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