Uttar Pradesh Police Transfer : तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को मिली नई जिम्मेदारी

खबर सार :-
Uttar Pradesh Police Transfer : यह निर्णय प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और अपराध नियंत्रण को सुदृढ़ करने प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में एक सार्थक पहल माना जा रहा है।

Uttar Pradesh Police Transfer : तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को मिली नई जिम्मेदारी
खबर विस्तार : -

Uttar Pradesh Police Transfer  : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक सुचारु एवं प्रभावी बनाने के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादला कर नई जिम्मेदारियाँ सौंपी हैं। यह निर्णय प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और अपराध नियंत्रण को सुदृढ़ करने प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में एक सार्थक पहल माना जा रहा है।

पीसी मीणा को मिला कारागार प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार

1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीसी मीणा, जो वर्तमान में पुलिस महानिदेशक व सीएमडी, पुलिस आवास निगम, लखनऊ के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, को अब महानिदेशक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाओं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उनके अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि जेल प्रबंधन और कैदियों के पुनर्वास को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके।

आशुतोष पांडेय बने टेलीकॉम के महानिदेशक

1992 बैच के आईपीएस अधिकारी आशुतोष पांडेय, जो हाल ही में पुलिस महानिदेशक/बाद्ध्य प्रतीक्षा पद पर पदोन्नत हुए थे, को अब पुलिस महानिदेशक, टेलीकॉम, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग दूरसंचार से जुड़े अपराधों की रोकथाम और साइबर सुरक्षा को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाता है। पांडेय के नेतृत्व में इस क्षेत्र में नई पहलों की उम्मीद की जा रही है।

नीरा रावत को ईओडब्ल्यू और यूपी-112 की जिम्मेदारी

नीरा रावत, जो श्री पांडेय के समकक्ष 1992 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, को पुलिस महानिदेशक, ईओडब्ल्यू (ईकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग) के साथ-साथ यूपी-112 (इमरजेंसी रिस्पॉन्स सर्विस) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनकी नियुक्ति से आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगने और आपातकालीन सेवाओं की प्रतिक्रिया समय को और तेज करने की उम्मीद की जा रही है।

ऐसा माना जा रहा है कि इन तबादलों का मुख्य उद्देश्य विभिन्न पुलिस इकाइयों में नए नेतृत्व के साथ कार्य कुशलता भी लाना है। सरकार ये मानती है कि ये वरिष्ठ अधिकारी अपने अनुभव और दक्षता से प्रदेश की कानून-व्यवस्था को नई दिशा देंगे। साथ ही, यह कदम पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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