380 करोड़ की लागत से वृंदावन कॉलोनी में बनेगा नया सिटी बस टर्मिनल, कैबिनेट ने दी मंजूरी

खबर सार :-
सिटी बसों का संचालन काफी समय से चारबाग बस स्टेशन से भी हो रहा था। अब इस बस अड्डे का निर्माण पीपीपी मॉडल पर कराया जा रहा है। इसके चलते अब सिटी बसों के संचालन के लिए नया बस टर्मिनल बनाया जाएगा। इसके लिए बजट की मंजूरी यूपी कैबिनेट ने भी दे दी है। बजट की मंजूरी मिलने से नए बस टर्मिनल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। बस टर्मिनल पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

380 करोड़ की लागत से वृंदावन कॉलोनी में बनेगा नया सिटी बस टर्मिनल, कैबिनेट ने दी मंजूरी
खबर विस्तार : -

लखनऊ : कैबिनेट ने लखनऊ में वृंदावन योजना की पी-4 पार्किंग में सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल के लिए 380 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। पहले सिटी बसों का संचालन मुख्य रूप से चारबाग से होता था। चारबाग में पीपीपी मॉडल पर रोडवेज बस स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके चलते सिटी बसों के संचालन का मामला अटका हुआ था। ऐसे में नगरीय परिवहन निदेशालय ने पी-4 पार्किंग में सिटी बस स्टेशन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। नगरीय परिवहन निदेशालय ने वृंदावन योजना में पी-4 पार्किंग की जमीन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से 150 करोड़ रुपये में खरीदी थी।

यहां बसों की पार्किंग और रखरखाव का काम हो रहा है। तय योजना के मुताबिक सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल 7.06 एकड़ में बनेगा। इसमें कमर्शियल जोन भी होगा। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बनाया जाएगा। इसके लिए पूरी जमीन किसी निजी डेवलपर को 60 साल के लिए लीज पर दी जाएगी।  नए बस टर्मिनल पर एक साथ 141 ई-बसें और 52 सीएनजी बसें संचालित हो सकेंगी। भविष्य में 150 अतिरिक्त ई-बसों के लिए भी जगह छोड़ी जाएगी। इसके साथ ही 275 कारों की पार्किंग, वेटिंग रूम, वातानुकूलित वेटिंग हॉल, पूछताछ और बुकिंग काउंटर, आरक्षण, पार्सल रूम, क्लॉक रूम, कियोस्क, फूड स्टॉल, यूरिनल, शौचालय, वाटर एटीएम, चिकित्सा सहायता कक्ष, क्रेच, बैंक, एटीएम, पुलिस बूथ और सुरक्षा नियंत्रण कक्ष भी होंगे।

बस टर्मिनल में कामर्शियल जोन भी होगा। इस हिस्से में मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। यह बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर तीन साल में बनेगा, जबकि कामर्शियल स्पेस को पांच साल में पूरा करना होगा। 60 साल की लीज खत्म होने के बाद सरकार इसे अपने स्वामित्व में ले लेगी। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि यह प्रोजेक्ट लखनऊ के शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ऐतिहासिक फैसला है।

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