लखनऊ में एक किशोरी 16 दिन से लापता, फिलहाल अंधेरे में तीर मार रही पुलिस

खबर सार : -
लखनऊ के मदेयगंज से लापता 16 वर्षीय लड़की कविता (काल्पनिक नाम) का 16 दिन बाद भी नहीं लगा कोई सुराग। परिवार ने पुलिस पर रसूखदार आरोपी को बचाने का लगाया आरोप।

खबर विस्तार : -

लखनऊ: मदेयगंज क्षेत्र से 16 दिन पहले लापता हुई 16 वर्षीय किशोरी कविता (काल्पनिक नाम) का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। 17 अप्रैल की शाम लगभग 5ः30 बजे वह पार्क जाने के लिए निकली थी, लेकिन उसके बाद से लौटकर नहीं आई। परिजनों ने जब उसे ढूंढना शुरू किया तो उसकी सहेलियों से जानकारी मिली कि वह वहीं के एक लड़के करन गुप्ता की स्कूटी पर बैठकर कहीं गई थी। घरवालों की लाख कोशिशों के बावजूद जब कुछ पता नहीं चला तो उसके नाना व पिता ने थाना मदेयगंज में एफआईआर दर्ज कराई।

200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली

थाना मदेयगंज के इंस्पेक्टर से बात करने पर जानकारी मिली कि अब तक 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा चुकी है, लेकिन कविता (काल्पनिक नाम) की कोई स्पष्ट लोकेशन नहीं मिल पाई है। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि एक सीसीटीवी फुटेज में वह दो लड़कों के साथ स्कूटी पर दिखी थी लेकिन वह दोनों लड़के उसे स्कूटी से छोड़कर चले भी गए थे। उसके बाद भी वह घर जाने के बजाए इधर उधर टहहती देखी गई। इसके बाद से उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल रही है। पुलिस का कहना है कि हर एंगल से जांच जारी है और प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।

नामजद आरोपी के पिता के रसूख की वजह से नहीं हो रही कार्रवाईः परिजन

वहीं दूसरी ओर मिली जानकारी के अनुसार कविता (काल्पनिक नाम)  के परिवार का आरोप है कि जिन पर शक है, उनमें से एक युवक करण गुप्ता है, जिसका नाम रिपोर्ट में दर्ज कराया गया है। परिवार का यह भी कहना है कि करण गुप्ता स्थानीय पुलिस के सहयोगी माने जाने वाले राजेंद्र गुप्ता का पोता है, इसी कारण उस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही। कविता के नाना कन्हैया लाल दुबे ने बताया कि परिवार पूरी तरह टूट चुका है। उनकी आंखों के आंसू सूख चुके हैं, लेकिन उम्मीद अब भी बाकी है कि कोई तो उनकी बिटिया को लौटा देगा। उन्होंने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और जिन लोगों पर शक है, उनके खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई हो।
वहीं क्षेत्रीय लोगों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर आरोपी किसी रसूखदार का रिश्तेदार न होता, तो अब तक पुलिस कोई ठोस कदम उठा चुकी होती। फिलहाल किशोरी की लोकेशन या कोई जानकारी सामने नहीं आने से मामला और भी संदिग्ध होता जा रहा है।

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