सख्त कदम : नगर निगम ने सामान हटवाया, जुर्माना भी वसूला

खबर सार :-
शहर को स्वच्छ और आवागमन सरल बनाने के लिए नगर निगम का अभियान काफी सख्त रहा। लोग अपना सामान लेकर बच निकलने की कोशिश करते दिखे। सड़कों तक अपना सामान रख लिया गया। इसे महापौर ने हटवाने के लिए कहा था।

सख्त कदम : नगर निगम ने सामान हटवाया, जुर्माना भी वसूला
खबर विस्तार : -

लखनऊः महापौर सुषमा खर्कवाल के स्पष्ट निर्देशों व नगर आयुक्त गौरव कुमार के आदेश पर नगर निगम लखनऊ द्वारा पिछले दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त बनाना रहा। निगम ने जैसे ही अभियान की शुरूआत की, कुछ लोग खुद ही अपना सामान लेकर जाने का आश्वासन दिया। शहर की कई प्रमुख सड़कों पर दुकानों का सामान रखा हुआ है। इसको भी हटाने के लिए कहा गया है। 

हनुमान मंदिर पार्क से 1090 चौराहा तक नगर निगम ने अपना अभियान चलाया। जोन-एक में जोनल अधिकारी राजेश कुमार के नेतृत्व में पहले चरण में हनुमान मंदिर पार्क के भीतर बने अवैध ढांचों को हटाया गया। इस कार्रवाई के दौरान एक ट्रक सामान जब्त किया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य भवन, कचहरी से जिलाधिकारी कार्यालय तक सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए। कालीदास मार्ग से लेकर 1090 चौराहा तक भी फुटपाथ से कब्जा हटाया गया। इस कार्रवाई में कर अधीक्षक विनय मौर्या, राजस्व निरीक्षक ओम प्रकाश सिंह, संजय सिंह, प्रवर्तन विभाग की 296 टीम और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। दूसरी ओर जोन-तीन में पुरनिया चौराहा से चला अभियान कर वसूली भी करता रहा। 

जोन-तीन में जोनल अधिकारी अमरजीत यादव के नेतृत्व में वार्ड पार्षद पृथ्वी गुप्ता व सफाई एवं खाद्य निरीक्षक संचिता मिश्र के साथ पुरनिया चौराहा से आंचलिक विज्ञान केंद्र तक अभियान चलाया गया। नाले के ऊपर अवैध रूप से लगाए गए 25 गमले व पौधों वाले फुटपाथ दुकानदारों का सामान हटाया गया। नाले की सफाई करवाई गई तथा 9000 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इस दौरान काफी सामान जब्त किया गया। जोन छह में भावानीगंज और बाजारखाला में बड़ी कार्रवाई की गई। जोन छह में जोनल अधिकारी मनोज यादव के नेतृत्व में भावानीगंज वार्ड की शिकायत पर पुराना हैदरगंज बाजार खाला क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाया गया। बाजारखाला थाने से चरक चौराहे तक 25 ठेले, 7 गुमटी और 20 अस्थाई दुकानों को हटवाया गया। अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी दी गई कि दोबारा कब्जा न किया जाए। साथ ही स्थानीय थानाध्यक्ष को पत्र भेजकर भविष्य में निगरानी के निर्देश दिए गए।

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