गौशाला की जमीन पर भू-माफियाओं की नजर, धोखाधड़ी और जालसाजी के सहारे जमीन हड़पने की कोशिश

खबर सार :-
लखनऊ के मोहनलालगंज में भू-माफियाओं ने एक 24 वर्षीय युवक की पैतृक ज़मीन, जिस पर श्री नारायण गौशाला है, पर कब्ज़े की कोशिश की। जानें कैसे फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों और हस्ताक्षरों से की गई जालसाज़ी और क्यों नहीं हो पाई पुलिस कार्रवाई।

गौशाला की जमीन पर भू-माफियाओं की नजर, धोखाधड़ी और जालसाजी के सहारे जमीन हड़पने की कोशिश
खबर विस्तार : -

लखनऊः गोमतीनगर निवासी 24 वर्षीय देवेश पांडेय ने भू-माफियाओं के खि़लाफ गौशाला की दीवार तोड़ने व धमकी देने का मामला बीबीडी थाने में दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि भू-माफियाओं ने फ़र्ज़ी हस्ताक्षर और धोखेबाज़ी से उनकी पैतृक ज़मीन के एक हिस्से को हड़पने की कोशिश की और उनके क़ानूनी अधिकारों का उल्लंघन किया। इसके साथ ही फर्जी कागजात लगाने व धोखाधड़ी कर जमीन पर कब्जा करने की तहरीर मोहनलालगंज थाने मंे दी है।यह पूरा मामला मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत मीसा, बखारी और महमूदपुर गांव के बॉर्डर पर स्थित एक ज़मीन से जुड़ा है।

देवेश पांडेय ने बताया कि वे मोहनलालगंज तहसील के ग्राम बखारी के गाटा संख्या 149-क, 150-क और 150-ख के संपूर्ण और 149-ख के 1/2 के भू-स्वामी हैं। उनका कहना है कि कुछ लोगों ने उनके अभिभावक, शिरीष चंद्र मिश्रा के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर का इस्तेमाल करके साल 2015 में ज़मीन के बंटवारे का आदेश पारित करवा लिया था।

इस धोखाधड़ी की जानकारी उन्हें तब मिली जब भू-माफियाओं ने 20 दिसम्बर 2024 को उनकी ज़मीन पर बुलडोजर चलाकर बाउंड्री वॉल गिरा दी और उस पर अवैध कब्ज़े की कोशिश की। देवेश पांडेय ने तुरंत उप-जिलाधिकारी और न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की, जिसके बाद न्यायालय ने पहले पारित किए गए आदेश को फर्जीवाड़े के आधार पर कराए गए बटवारा वाद के आदेश को दिनांक 29 अप्रैल 2025 को सुनवाई के बाद साक्ष्य के आधार पर रद्द कर दिया। हालांकि, आरोप है कि भू-माफिया इस मामले में फिर से हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं और न्यायालय के नए आदेशों को रद्द कराने के लिए पैसे और दबाव का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस मामले में, देवेश पांडेय ने भू-माफियाओं पर धमकी देने, गौशाला के रास्ते को बंद करने और अज्ञात लोगों द्वारा डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे इस आपराधिक षड्यंत्र में शामिल सभी लोगों के खि़लाफ़ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई करें। बीबीडी थाने के थाना प्रभारी ने एफ़आईआर 213/2024 के बारे में बताया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर साहब छुट्टी पर हैं और उनके आने पर ही जानकारी मिल पाएगी।

श्री नारायण गौशाला से जुड़ा है मामला

देवेश पांडेय ने बताया कि लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत मीसा-महमूदपुर मार्ग पर श्री नारायण गौशाला का संचालन 2003 से किया जा रहा है। वे गौशाला को बिना किसी सरकारी मदद के अपने ख़र्च व समाज के सहयोग से चला रहे हैं। उनका आरोप है कि भू-माफियाओं की नियत गौशाला की ज़मीन पर कब्ज़ा जमाने की है। इसी ज़मीन पर भू-माफिया फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिए कब्ज़े की कोशिश कर रहे हैं। गौशाला में काम करने वाले कर्मचारियों को बार-बार धमकाया जा रहा है और देवेश को भी फ़ोन पर लगातार धमकियां मिल रही हैं। हाल ही में, बड़ी संख्या में अज्ञात लोग गौशाला पहुंचे और कर्मचारियों को वहां से हट जाने की चेतावनी दी।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

वर्ष 2003 में स्थापित नारायण गौशाला सालों से शांतिपूर्वक चल रही थी। लेकिन हाल ही में गाटा संख्या 149-ख की ज़मीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया। गौशाला प्रबंधन का आरोप है कि कुछ लोगों ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ और हस्ताक्षर बनाकर ज़मीन पर अपना दावा किया है। इस संबंध में उप-जिलाधिकारी मोहनलालगंज की अदालत में याचिका भी दायर की गई है।

धोखाधड़ी से बंटवारे का आदेश

गौशाला प्रबंधक देवेश पांडेय का कहना है कि 2015 में धोखाधड़ी से एक बंटवारे का मुक़दमा दायर किया गया था। 2018 में, भू-स्वामी की जानकारी के बिना आदेश पारित हुआ, जिसमें खसरा संख्या 149-ख जिसका क्षेत्रफल 0.297 हेक्टेयर है, विवाद का मुख्य कारण बना। उनकी जानकारी के बिना हुए बंटवारे में उनकी ज़मीन को भी शामिल कर न्यायालय से आदेश पारित करा लिया गया।

उनका आरोप है कि एक छद्म व्यक्ति को न्यायालय में पेश कर और उनके फ़र्ज़ी हस्ताक्षर बनाकर यह आदेश करवाया गया। 29 अप्रैल 2025 को पारित आदेश, जो धोखाधड़ी पर आधारित बंटवारे के मुक़दमे का आदेश 24 मई 2018 को दिया गया था, को सुनवाई के बाद साक्ष्य के आधार पर निरस्त कर दिया गया। देवेश पांडेय ने धोखाधड़ी के इस मामले की तहरीर मोहनलालगंज थाने में दी थी, लेकिन पुलिस जांच में उप-जिलाधिकारी मोहनलालगंज से पत्रावली न मिलने के कारण एफ़आईआर दर्ज नहीं हो पाई।

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