बदल रहा लखनऊ, बढ़ रहे आय के श्रोत

खबर सार :-
यहां भी पर्यटकों की कमी नहीं है। दुकानदारों को भी पार्क के बाहर कमाने का अवसर मिलता है। गोमती रिवर फ्रंट गोमतीनदी के किनारे है। यहां नदी के किनारे का आनंद उठाने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यह ऐसा स्थान है, जहां की सजावट बनाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण कई योजनाएं लाने की सोच रहा है।

बदल रहा लखनऊ, बढ़ रहे आय के श्रोत
खबर विस्तार : -

 लखनऊ, लखनऊ नवा बों का शहर कहा जाता है। यहां कभी धन की कमी नहीं रही। यह खुद बड़े ओहदेवालों से भरा हुआ है। राजधानी होने के नाते यहां के लिए बजट के तमाम रूप हैं। कई विभाग तो ऐसे भी हैं, जिनके पास शहर के विकास के लिए धन बेशुमार है। कोश के मामले में भी मुख्यमंत्री के हाथ हमेशा खुले रहते हैं। सीएम ग्रिड  योजना, अमृत योजना तो बस उदाहरण हैं। अलग पहचान बनाने के लिए देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक यहां के पार्क और पर्यटन को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

यहां के तमाम पर्यटनस्थल विश्ववविख्यात बनाए जा रहे हैं। इससे लखनऊ की छवि बेहतर हो रही है, साथ ही लोगों की आय भी सुधर रही है। पिछले तीन साल में कई पार्क अत्याधुनिक हो गए। इनमें फसाड लाइटें, सजावटी पौधे, जिम, माडर्न झूले, चित्र तथा मॉडल शामिल किए गए हैं। नवाबों के शहर में कई खूबसूरत पार्क हैं। यह सभी घूमने और मनोरंजन के लिए बेहतरीन माने जाते हैं। लखनऊ के कुछ प्रमुख पार्कों में जनेश्वर मिश्र पार्क, अंबेडकर पार्क, गोमती रिवर फ्रंट और उत्तर प्रदेश दर्शन पार्क शामिल हैं।

रोजगार के संसाधनों में हुई वृद्धि, विश्वविख्यात हुआ पर्यटन

इनके अलावा कई और नई जगह तैयार की गई हैं। यह सभी शहर के पर्यटन में शुमार हो रहे हैं। इनमें सौमित्रवन, इकाना स्टेडियम, कुड़ियाघाट तथा रीवरफं्रट, मेट्रो आदि हैं। पहले से ही शहर में जो ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल हैं, उनका भी कायाकल्प किया गया है। इससे यहां की सुंदरता बेहतरीन हुई है। जानकारी के अनुसार, जनेश्वर मिश्र पार्क एशिया के सबसे बड़े पार्कों में से एक है। इसे जुरासिक पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने आते हैं। आधुनिकता में तो यह पार्क बेमिसाल है। वर्तमान योगी सरकार ने इसमें तमाम काम कराए हैं। इससे यह और गुलजार हुआ है। अंबेडकर पार्क तत्कालीन बसपा सरकार में बना था। यह पार्क गोमती नगर में स्थित है। इसमें 124 हाथियों की मूर्तियां लगी हुई हैं।

वैसे भी सरकार यहां पुस्तक मेला लगवाने लगी है। इसके अलावा और भी बड़े कार्यक्रम होने लगे हैं। उत्तर प्रदेश दर्शन पार्क तो इन दिनों शहर में छाया हुआ है। यह पार्क गोमती नगर में होटल ताज के करीब है। यूपी के 18 विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को इसमें दर्शाया गया है। पार्क की खूबी देखने वालों की भीड़ हर महीने यहां बढ़ रही है। पिछले सप्ताह भी यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। स्टेज शो के कार्यक्रम में यहां आयोजकों को टिकट में छूट भी मिलती है। लखनऊ के कई और पार्कां में लोहिया पार्क, म्यूजिकल पार्क भी काफी प्रसिद्ध हैं। म्यूजिकल पार्क में पिछले दिनों काफी बदलाव किया गया है। यह पार्क सीजी सिटी में स्थित है। इसमें संगीत वाद्ययंत्रों की आकृतियां बनाई गई हैं। बुद्धा पार्क को हैपीनेस पार्क का नाम दिया गया है। यह पुराने लखनऊ में है। इसे हाल ही में काफी सजाया गया है।

शहीद भगत सिंह पार्क, अर्जुन टिकोना पार्क, बंशीधर पांडे पार्क और विराट खंड टांकी वाला पार्क आदि भी चर्चित हो रहे हैं। उधर, इकाना स्टेडियम ने शहर के पर्यटन में चार चांद लगाए हैं। पहले ही ही रेजीडेंसी, इमामबाड़ा, कुड़ियाघाट, पिकनिक स्पॉट, अटल कन्वेंसन सेंटर और कई बड़े मॉल्स फेमस हैं। निकटवर्षां में लुलू मॉल्स और पलासियो में काफी लोगों को रोजगार मिला है। इधर, शहर के मध्य में ही गोमतीनदी को कमाई का जरिया बनाने के लिए कवायद चल रही है। कुकरैल नदी को कलेवर में लाया जा रहा है। नया सौमित्रवन तैयार किया जा चुका है। कारगिल शहीद पार्क भी सजा दिया गया है। पुराने लखनऊ में घंटाघर पार्क को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा तमाम और स्थान तलाशे जा रहे हैं, जहां पर दूर-दूर से पर्यटक आएंगे। इनमें शहर में क्रूज और चिड़ियाघर को नया स्थान के साथ मोहानरोड योजना में बोटिंग क्लब शामिल हैं। इनमें दैनिक के अलावा स्थायी रोजगार मिलेगा। कामर्शियल वाहनों की बढ़ोत्तरी जीविकोपार्जन में मददगार होगा। इसके अलावा लखनऊ नगर निगम की आय में वृद्धि होगी।   

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