मेगा डेवलपमेंट योजना से बदलेगी राजधानी लखनऊ के इस 101 साल पुराने मंदिर की सूरत

खबर सार :-
यूपी की राजधानी लखनऊ के प्राचीन रविदास मंदिर को आधुनिक रूप दिया जाएगा। पर्यटन विभाग 4.64 करोड़ रुपए से इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराएगा। राजधानी लखनऊ में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर 101 वर्ष पुराना है। मंदिर से स्थानीय लोगों का गहरा भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ है।

मेगा डेवलपमेंट योजना से बदलेगी राजधानी लखनऊ के इस 101 साल पुराने मंदिर की सूरत
खबर विस्तार : -

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्राचीन रविदास मंदिर को आधुनिक रूप देने की दिशा में पर्यटन विभाग ने 4.64 करोड़ रुपए की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। राजधानी लखनऊ में धार्मिक पर्यटन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रमुख धार्मिक स्थलों के समग्र विकास पर तेजी से काम कर रहा है। इसी क्रम में अलीगंज स्थित 101 वर्ष पुराने रविदास मंदिर का पर्यटन विकास कार्य 4.64 करोड़ रुपए की स्वीकृत योजना के तहत शुरू हो चुका है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। 

प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है अलीगंज का रविदास मंदिर 

मंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और स्थानीय आस्था को देखते हुए मंदिर परिसर में व्यापक स्तर पर सुधार किए जा रहे हैं। विकास कार्यों में सड़क मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच, जर्जर हिस्सों का पुनरुद्धार और अन्य आधुनिक पर्यटक सुविधाएं शामिल हैं। उनका कहना है कि सरकार का लक्ष्य है कि भक्तों को सुरक्षित, सुगम और श्रेष्ठ अनुभव उपलब्ध कराया जा सके। अलीगंज का रविदास मंदिर राजधानी के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है। 

प्राचीनता का प्रमाण है मंदिर के मुख्य द्वार पर अंकित 1924  

मंदिर के मुख्य द्वार पर अंकित 1924 इसका प्रमाण है कि यह मंदिर 101 वर्ष पुराना है। यह स्थल लंबे समय से स्थानीय समुदाय की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। परिसर में स्थित तीन प्राचीन समाधियों में से एक मंदिर निर्माण से भी पुरानी मानी जाती है, जबकि दो समाधियां बाबा लीलादास और बाबा टिकाईदास की बताई जाती हैं, जो वर्षों तक यहां सेवा में रहे। मंदिर से स्थानीय लोगों का गहरा भावनात्मक रिश्ता रहा है।

मंदिर के बाहर जूतों की मरम्मत का काम करने वाले नौमी लाल बताते हैं कि उनके पिता भी इसी स्थान पर वर्षों तक कार्य करते रहे। इसी तरह मिष्ठान विक्रेता भोलानाथ का कहना है कि उनके बाबा 1931 से मंदिर के बाहर दुकान लगाते थे। इनके अनुसार संत रविदास जयंती पर हर साल यहां बड़े आयोजन होते हैं और पूरा समुदाय मिलकर मंदिर परिसर को सजाता-संवारता है। 

जीर्णोद्धार से पैदा होंगे व्यापार के नए अवसर

स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि विकास कार्यों के बाद आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि होगी, जिससे व्यापार में भी नए अवसर पैदा होंगे। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अलीगंज स्थित रविदास मंदिर का समेकित विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। 4.64 करोड़ रुपए की परियोजना के तहत सौंदर्यीकरण, अधोसंरचनात्मक सुधार और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ भक्तों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी सृजित होंगे। 
 

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