कोटा शहर में जल संकट: पानी की किल्लत से जनता में आक्रोश, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

खबर सार :-
राजस्थान में पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। ऐसे में कोटा के घनी आबादी वाले इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं होने से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने जलदाय विभाग को चेतावनी दी है कि अगर पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।

कोटा शहर में जल संकट: पानी की किल्लत से जनता में आक्रोश, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
खबर विस्तार : -

कोटा : राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा में इन दिनों भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जिससे लोग गर्मी से बेहाल हैं। इसी बीच शहर के कई इलाकों में पानी की गंभीर समस्या ने आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। खासकर प्रेम नगर, कंसुआ और डीसीएम जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में पिछले कई दिनों से पानी की आपूर्ति अनियमित और अपर्याप्त है, जिससे लोगों को अपने दैनिक कार्यों जैसे पीने, नहाने और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। 

इस स्थिति से स्थानीय निवासियों में काफी रोष है। पानी की किल्लत से परेशान लोग प्रेम नगर, कंसुआ और डीसीएम इलाके में रहने वाले लोग पानी की किल्लत से बुरी तरह प्रभावित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार सुबह और शाम को पानी की आपूर्ति नहीं होती है और जब होती भी है तो पानी का प्रेशर इतना कम होता है कि घरों तक नहीं पहुंच पाता स्थानीय निवासियों ने बताया कि हम सुबह से शाम तक पानी के लिए तरस रहे हैं। गर्मी में पानी के बिना हालत खराब होती जा रही है। जलदाय विभाग को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है। प्रेम नगर, कंसुआ व डीसीएम क्षेत्र के स्थानीय निवासियों, पार्षद प्रतिनिधियों व कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की। 

इस दौरान उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि पानी की समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो वे विभाग के कार्यालय का घेराव कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे। लोगों ने कहा कि जलदाय विभाग की लापरवाही अब बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है। लोग गर्मी में पानी के लिए भटक रहे हैं, लेकिन अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। यदि 48 घंटे के अंदर पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई तो हम सड़कों पर उतरकर कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि ने इस मुद्दे पर विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति ठीक है, जबकि इन क्षेत्रों में जानबूझकर भेदभाव किया जा रहा है।

 जलदाय विभाग का जवाब जलदाय विभाग के अधिकारियों ने मामले को स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ तकनीकी दिक्कतों और पाइप लाइन में रुकावट के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई है। जलदाय विभाग के अधिकारी ने आश्वासन दिया कि अगले दो दिन में जलापूर्ति सुचारू करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "हम पाइप लाइन की मरम्मत और वैकल्पिक व्यवस्था करने पर काम कर रहे हैं। लोगों से अनुरोध है कि वे धैर्य रखें।" हालांकि, स्थानीय निवासियों ने इस आश्वासन पर संदेह जताया और कहा कि इस तरह के वादे पहले भी कई बार किए गए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। 

यह पहली बार नहीं है जब कोटा में पानी की समस्या को लेकर गुस्सा देखा गया हो। इससे पहले भी स्थानीय महिलाओं और कई इलाकों के लोगों ने पानी की किल्लत के खिलाफ जलदाय विभाग के दफ्तर में प्रदर्शन किया था। उस दौरान भी विभाग को चेतावनी दी गई थी कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो महिलाएं दफ्तर में धरने पर बैठ जाएंगी और मटके फोड़कर विरोध प्रदर्शन करेंगी। कांग्रेस पदाधिकारियों ने भी इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाने की बात कही है और कहा है कि वे इस मामले को विधानसभा में ले जाएंगे। स्थानीय निवासियों ने भी मांग की है कि जलदाय विभाग पानी की आपूर्ति के लिए एक निश्चित समय-सारिणी जारी करे और पारदर्शिता बनाए रखे।

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