झांसीः आजकल जंक फूड युवाओं बच्चो मैं काफी लोकप्रिय है हर शहर में यह जंक फूड स्ट्रीट एवं बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में यह आसानी से उपलब्ध है। आम जनमानस इससे होने वाली बीमारियों एवं नुकसानों से परिचित होने के बावजूद इसका जम के सेवन करता है। इस जंक फूड के सेवन से युवा एवं बच्चे मोटापा हाइपरटेंशन एवं शुगर आदि बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इन्हीं सब को देखते हुए सरकार ने मोटे अनाजों के सेवन पर काफी जोर दिया है इसी कारण अब बाजार में मोटे अनाज से बने नूडल्स पास्ता एवं अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध है।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने ज्वार का बर्गर एवं बाजरा का पिज़्ज़ा बनाया है इनके सेवन से फास्ट फूड का तो स्वाद मिलेगा ही और सेहत भी अच्छी रहेगी। ज्यादातर बच्चे पौष्टिक भोजन का सेवन न करके इन फास्ट फूड का सेवन करते हैं यहां तक की उनके टिफिन में भी वह अपने घर वालों से पास्ता मैगी नूडल्स आदि को ले जाने का जोर डालते हैं। जिससे उनकी सेहत भी काफी खराब हो जाती है। और इस तरह का फास्ट फूड युवाओं के साथ-साथ बच्चों की भी पहली पसंद बन चुका है।
मेडिकल कॉलेज झांसी के बाल विभाग के एचओडी श्री ओम शंकर चौरसिया ने जानकारी दी की एक बर्गर खाने से पूरे दिन की खाने की कैलोरी पूरी हो जाती है। बच्चों के ज्यादा जंक फूड खाने से उनके अंदर ज्यादा तेल नमक एवं अन्य पदार्थ पहुंचते हैं और बच्चे और युवा मोटापा मधुमेह आदि बीमारियों का शिकार जल्दी हो जाते हैं। इन फास्ट फूड पदार्थ में स्वाद बढ़ाने के लिए ज्यादा वसा नमक एवं अन्य विषैला पदार्थ का उपयोग किया जाता है इन सबसे हृदय रोग आदि होने की संभावना भी काफी तेजी से बढ़ती है इन फास्ट फूड के साथ अधिकतर लोग कार्बोनेटेड ड्रिंक का इस्तेमाल करते हैं जो जहर का काम करती है।
इन कार्बोनेटेड ड्रिंक में शुगर एवं प्रिजर्वेटिव की मात्रा काफी होती है जो शरीर में जाकर काफी नुकसान करती है। उनका कहना है कि 2 साल से नीचे के बच्चे को इसका सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्मेंट मैं बढ़ती हुई मांग को देखकर मोटे अनाज से जंक फूड एवं बेकरी के कई प्रोडक्ट तैयार किए हैं। विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर नूपुर गौतम ने बताया की कोदो ज्वार आदि का पास्ता भी तैयार किया गया है इसके अलावा कोदो सवा ज्वार को मिलाकर नूडल्स भी तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही ज्वार का बर्गर एवं बाजरे का पिज़्ज़ा रागी का चॉकलेट एवं सवा का केक भी तैयार किया गया है।
इन सबको बीयू के मिलेटस पॉइंट्स के जरिए समय-समय पर बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है। यह यह उत्पाद खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही विटामिन एवं मिनरल से भरपूर होते हैं और इनको खाने से किसी भी तरह का शरीर को नुकसान नहीं होता है एवं शुद्ध पोषण भी शरीर को मिलता है। मोटे अनाज से बने इन उत्पादों से शरीर को फायदा मिलता है एवं जंक फूड का पूरा-पूरा स्वाद भी मिलता है। आगे डॉक्टर नूपुर ने बताया की कई महिलाओं को भी मिलेट्स एवं मोटे अनाज से यह सब सामान बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। एक एनजीओ ने भी अपनी रुचि दिखाई है और आगे आया है जिन्होंने इससे संबंधित मशीन है ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराने की बात कही है। उम्मीद की जाती है कि आगे आने वाले समय में झांसी में कई जगह यह उत्पाद उपलब्ध होंगे।
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